जीतू पटवारी के ट्वीट पर बवाल, कमलनाथ ने भी जताई आपत्ति, CM ने की तारीफ, फिर बोले पटवारी, करता हूं विरोध 

भोपाल : सोमवार सुबह सोशल मीडिया पर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के बहिष्कार की बात कही। जीतू पटवारी ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के बहिष्कार तो किया ही, साथ ही शिवराज सरकार को भी आड़े हाथों लिया। 

जीतू पटवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा था की : बेलगाम नौकरशाही! किसान भी हुआ शोषित! घर-घर पहुंची सस्ती शराब! सबसे ज्यादा गौहत्याएं मप्र में!
जन-जन को बना दिया कर्जदार! शिवराज जी, जन/प्रदेशहित में मैं राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर रहा हूं! क्योंकि, चिर निंद्रा में सोई #भाजपा सरकार को जगाना जरूरी है। 

जीतू पटवारी के इस ट्वीट के बाद प्रदेश में बवाल मच गया। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने भी उनके इस बयान पर आपत्ति जताई। कमलनाथ ने कहा कि अभिभाषण का बहिष्कार पार्टी का फैसला नहीं है। कोई भी सदन हो, उसकी गरिमा बनी रहनी चाहिए। 

वहीं, दलों की राजनीति से ऊपर उठकर दिए गए इस कमलनाथ के इस बयान पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनकी तारीफ की।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा की अपनी गरिमामय परंपरा रही है और महामहिम राज्यपाल महोदय के अभिभाषण को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सब सम्मान के साथ सुनते रहे हैं। आज केवल मीडिया में छपने, अलग दिखने और सस्ती पब्लिसिटी के लिए ट्वीट से बहिष्कार हो रहा है। ट्वीट से बहिष्कार क्या है! क्या सोशल मीडिया पर ही सब कुछ होगा? क्या सदन की गरिमा को खण्डित और मध्यप्रदेश की गौरवशाली परंपरा को ध्वस्त कर दिया जायेगा? हमारे संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा जी ने इस मामले को उठाया है। ऐसे कदाचरण पर आसंदी फैसला करेगी। मैं आभारी हूं और धन्यवाद देता हूं नेता प्रतिपक्ष श्री कमलनाथ जी का जिन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कहा कि ये गलत परंपरा है।

हालांकि, बढ़ते विरोध के बीच जीतू पटवारी ने एक और ट्वीट किया, और अपने बयान पर कायम रहने की बात कही। जीतू पटवारी ने ट्वीट कर लिखा की – मैं अभी भी अपने निर्णय पर कायम हूं! प्रदेश की अराजक #भाजपा सरकार के अभिभाषण का विरोध करता हूं! कमलनाथ जी मेरे नेता है ओर रहेंगे !
मेरा ध्येय #कांग्रेस को मजबूत बनाना, लूट की सरकार को हटाना और कमलनाथ जी को फिर से मुख्यमंत्री बनाना है। यह प्रयास सदैव चलता रहेगा। 

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