रीवा से गौरव सिंह की रिपोर्ट – फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर के निधन के बाद रीवा सहित पूरा विंध्य गमगीन हैं। इस क्षेत्र से कपूर खानदान का गहरा रिश्ता रहा हैं। शोमैन राजकपूर का विवाह रीवा में हुआ था। रीवा राज्य में आइजी रहे करतारनाथ मल्होत्रा की पुत्री कृष्णा के साथ विवाह होने के कुछ वर्ष बाद मल्होत्रा परिवार भी रीवा से चला गया लेकिन यहां से लगाव उनका बना रहा हैं। कृष्णा कपूर अक्सर यहां की यादें साझा करती रही हैं।
देश के सबसे बड़े फिल्मी खानदान का रीवा से नाता होने की स्मृतियों को सहेजने के लिए मध्यप्रदेश की सरकार ने कृष्णा राजकपूर के नाम से आधुनिक ऑडिटोरियम बनवाया हैं। यह उसी स्थान पर बनाया गया है जहां पर ऋषि कपूर की मां कृष्णा पली-बढ़ी हैं। आडिटोरियम का लोकार्पण 2 जून 2018 को हुआ था।
उस कार्यक्रम में कपूर खानदान के कई प्रमुख लोग पहुंचे थे। उनको भी आना था लेकिन वे नहीं आ पाए थे। उस कार्यक्रम रणधीर कपूर, प्रेम चोपड़ा, अन्नू कपूर, उमा चोपड़ा, सुरेश वाडकर सहित करीब दर्जन भर से अधिक फिल्मी सितारे आए थे। उमा चोपड़ा, ऋषि कपूर की मौसी हैं और उनका जन्म भी रीवा में ही हुआ था।
रीवा का ननिहाल देखने की इच्छा अधूरी
ऋषि कपूर को भी यहां पर आना था उन्होंने वीडियो जारी कर कहा था कि रीवा का ननिहाल देखने की इच्छा हैं। वहां पहुंचने की तैयारी हैं। आडिटोरियम लोकार्पण का पहला कार्यक्रम जो तय हुआ था उसमें ऋषि कपूर का परिवार के साथ आने का कार्यक्रम था। इसी बीच उनकी तबियत खराब हुई और अमेरिका चले गए, जिसकी वजह से लोकार्पण में नहीं पहुंच पाए थे।
कृष्णा सुनाती थी रीवा के किस्से
ऋषि कपूर के बड़े भाई रणधीर कपूर कई बार रीवा आ चुके हैं। उन्होंने रीवा में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि जब तीनों भाई छोटे थे तब से लेकर मां अक्सर रीवा की बातें करती थीं। इसके पहले कई बार पूरे परिवार ने यहां आने का कार्यक्रम तय किया था लेकिन कामकाज की व्यस्तताओं की वजह से हर बार आने का कार्यक्रम निरस्त होता रहा हैं।
कपूर परिवार के ऋणी हैं रीवा वासी
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. चंद्रिका प्रसाद चन्द्र बताते हैंं कि ऋषि कपूर रीवा तो नहीं आए लेकिन उनकी मां कृष्णा रीवा से थीं, यहीं एसके स्कूल में पढ़ी थीं, इसलिए कपूर खानदान का नाता रीवा से अटूट हैं। रीवावासी कपूर परिवार के हमेशा ऋणी रहेंगे कि उन्होंने रीवा का नाम देश-दुनिया में रोशन किया। ऋषि कपूर बेजोड़ कलाकार थे। कृष्णा-राजकपूर ऑडोटोरियम बनाकर उनकी मां और पिता की याद को रीवा के लोगों ने जिंदा रखा हैं।