Railway Union ने सोनिया गांधी को लिया आड़े हाथ बोले श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के मुद्दे पर "तुच्छ राजनीति" न करें

नई दिल्ली।

देश में जारी कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने सोमवार को ऐलान किया कि देशभर में फंसे मजदूरों के घर वापस जाने के लिए रेलयात्रा का खर्च कांग्रेस (Congress) पार्टी उठाएगी। जिसके बाद अब रेलकर्मियों के सबसे बड़े संगठन 'ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन' (AIRMF) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के मुद्दे पर 'तुच्छ राजनीति' ना करने को कहा है। एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा द्वारा लिखे गए इस पत्र में लिखा है- 

“आदरणीय श्रीमती सोनिया गांधी जी

कोविड-19 के रूप में आज मानवता एक गंभीर संकट का सामना कर रही है। भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सभी राज्य सरकारो के साथ नियमित संवाद करके सराहनीय कदम उठाये है जिससे पूरे देश को इस सकंट से मुकाबला करने के लिए एक दिषा और दृष्टि मिली है। ऐसी विषम परिस्थितियों में भी भारतीय रेलों के 12 लाख से अधिक कर्मचारी अपनी जान की परवाह न करते हुए आवश्यक सामग्री जैसे चावल, दाल, दूध सब्जी, कोयला जैसी अनेकों वस्तुओं की निर्बाध आर्पूिति में लगे है। इस महामारी में वैसे तो लोगो की यात्रा खतरनाक हो सकती है परन्तु भारतीय रेल से हमारी फेडरेशन की तरफ से मैंने तथा कई राज्य सरकार, राजनेता, चुने हुए प्रतिनिधियो आदि ने अनुरोध किया था कि इन फंसे हुए मजदूर भाई-बहनों के लिए ट्रेन की विशेष सुविधा उपलब्ध कराई जाय। 

हमारे रेल कर्मचारियों ने निडर होकर इस चुनौती को स्वीकार किया व श्रमिक स्पेशल ट्रेनो से इन मजदूरों को उनके घर पहंचाने का इंतजाम किया। रेलवे ने पूरी सावधानी के साथ इन कामगारो के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए, यात्रियो की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व यह जानते हुए भी कि ट्रेन के परिचालन में बड़ा खर्च भी होगा, इस कार्य को श्रमिक दिवस, 1 मई से प्रारम्भ किया। अगर यह भी प्रावधान नही किया जाता और घोषणा हो जाती कि मुफ्त में रेल यात्रा कराई जा रही है, तो आप भली भांति जानती है कि रेलवे स्टेशनों पर लाखो की संख्या में यात्री पहुंच सकते थे, स्टेशन पर भगदड़ मच जाती, ट्रेन में भरकर लोग यात्रा करते जिसे रोकना असंभव होता और 'कोविड-19' जैसी खतरनाक महामारी अधिक फैलती। 

इसका दुष्प्रभाव हमारे रेलवे के कर्मचारियों पर भी पड़ता और भविष्य में इस प्रकार की सेवायें उपलब्ध कराना भी मुश्किल हो जाता। शायद आपको हमारे रेलवे के कर्मचारी और उनके परिवारो की भी चिंता होगी। आपसे अनुरोध है कि किंचित क्षणिक राजनीतिक लाभ के लिए अच्छी व्यवस्था को न बिगाड़ा जाय और रेलवे जो इन श्रमिको के लिए 115 स्पेशल ट्रेने चलाकर उसका संचालन सुचारू रूप से कर चुका है, उस व्यवस्था में अस्थिरता न पैदा हो जिससे हमारे रेलवे के कर्मचारियों पर आक्रमण और 'कोविड-19' से सक्रमंण का खतरा न पैदा हो सके। हम रेलवे के कामगार आपसे आशा करते है, कि आप हमारी व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का प्रयत्न करें एवं हमारा उत्साहवर्धन कर हमारा सहयोग करें।

धन्यवाद” 

 

Exit mobile version