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मुरुगन के उम्मीदवार बनने से भाजपा पर उठ रहे सवाल, क्या प्रदेश से नहीं मिला कोई लायक नेता!

  • मुरुगन को उम्मीदवार चुनने पर भाजपा पर उठे सवाल 
  • पूर्व में भी मध्यप्रदेश से कई नेताओं को दिया गया है मौका 

भोपाल/निशा चौकसे:- मध्यप्रदेश में राज्यसभा की खाली सीट पर भाजपा ने तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री एल मुरुगन को उम्मीदवार घोषित किया है. भाजपा के इस फैसले पर सवालिया निशाना खड़ा हो गया है. दरअसल, वजह ये है कि मध्यप्रदेश के हिंतो को दरकिनार कर बाहरी राज्य के नेता को सीट देना प्रदेश की जनता को अनदेखा करना माना जा रहा है. 

मुरुगन की उम्मीदवारी पर उठे सवाल 
मुरुगन राज्यसभा में क्या मध्यप्रदेश के मुद्दे उठा पाएंगे या पूरे कार्यकाल में कभी प्रदेश की कोई बात कर पाएंगे. इससे पहले भी कई नेताओं को प्रदेश से टिकट दिया गया है, लेकिन बाहरी नेताओं की पूरी सियासत उनके राज्य या राष्ट्रीय मुद्दों की होती है. सवाल यह भी है कि क्या मध्यप्रदेश का कोई नेता भाजपा को इस टिकट के लायक नहीं मिला जो बाहरी नेता को टिकट दिया गया. 

प्रदेश में अभी यह हैं बाहरी नेता 
पश्चिम बंगाल में जन्मे हरियाणा के एमजे अकबर प्रदेश के कोटे से राज्यसभा सदस्य हैं. इसके अलावा धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा के होने के बाबजूद भी एमपी कोटे से राज्यसभा में हैं. ऐसे पूर्व में भी कई नेताओं को मध्यप्रदेश से मौका दिया गया है, जबकि उनका प्रदेश से न कोई नाता रहा है और न कभी उन्होंने प्रदेश के हितों को उठाया. 

प्रदेश में आने वाले उम्मीदवार 
उम्मीदवार एल मुरुगन एक वकील है, उन्हें वकालत का 15 साल का अनुभव है. उन्हें 11 मार्च 2020 को तमिलनाडू भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था. मुरुगन राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. 2011 में राशिपुरम से तमिलनाडू विधानसभा का चुनाव लड़ा था. उन्हें सिर्फ 1730 वोट मतदान का 1.07% ही मिला था और अब उन्हें मध्यप्रदेश की राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार चुना गया. 
 

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