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खुद पर आई तो आंसू नहीं थम रहे थे, आज जनता फंसी है तो रामायण देख रहे हैं मंत्री जी

भोपाल डेस्क (गौतम कुमार) : वर्ष 201३ में उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम में भारी तबाही आई थी. उस दौरान वर्तमान केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे वहीं फंस गए थे. रेस्क्यू करने के बाद तमाम मीडिया के कैमरा के सामने मंत्री जी फूट-फूट कर रो रहे थे. उनके आंसू ही नहीं रूक रहे थे. आज जब दुनिया में कोरोना नामक त्रासदी आई हुई है. उनके गृह राज्य के हजारों लोग महानगरों में फंसे हुए हैं, भूख से बिल-बिला रहे हैं. पैदल ही गांव की और चल पड़े हैं ऐसे दौर में मंत्री जी क्या कर रहे हैं नीचे पढ़िए

इतने भयावह हालात में लोग जब घरों में ही रह रहे हैं तब दूरदर्शन ने यह निर्णय लिया कि रामानंद सागार द्वारा निर्देशित रामायण सीरियल का प्रसारण फिर से किया जाए. इस बात की जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीटर के माँध्यम से देश को दी. ऐसे दौर में जब मंत्री जी को covid-19 संबधी जांच उपकरण, टेस्टिंग कीट, डॉक्टरों के सेफ्टी कीट संबंधित जानकारी देनी चाहिए थी तब मंत्री जी देश को यह बता रहे हैं कि दूरदर्शन कौन से सीरियल का प्रसारण करेगा.

दुनिया तबाह हो रही थी और मंत्री जी रामायण देख रहे थे

खैर यह भी एक प्रकार की सूचना ही थी जिससे देश को अवगत कराना कोई बड़ा विरोधभास नहीं है. लेकिन मंत्री जी द्वारा दी गई इस सूचना का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा देश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी चौबे पर जो बिहार से आते हैं और 17वीं लोकसभा में बक्सर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. पूरे कोरोना संकट के दौरान उन्होंने अपनी कोई सक्रियता नहीं दिखाई है. स्वयं का राज्य स्वास्थ्य व्यवस्था के मामले में सबसे फिसड्डी है. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर वीडिओ जारी कर कहते हैं कि कोरोना का लड़ाई करना बिना हथियार के बॉर्डर पर युद्ध करने जाने के सामान है. विभाग के तरफ से डॉक्टरों को कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जा रही है.

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पी.एम.सी.एच के डॉक्टरों के इस बयान के अगले ही दिन राजधानी पटना स्थित ही नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेसन वार्ड में भर्ती कोरोना पॉजिटिव एक मरीज पूरे परिसर में घुमते हुए एक वीडियो बनाता है और उसे सोशल मीडिया पर डाल के सरकार की पोल खोलता है. इतना होने के बावजूद भी न केंद्र सरकार का ध्यान बिहार की और जाता है और राज्य सरकार तो पहले से ही चिर निद्रा में है.

मीटिंग के दौरान नींद लेने में हैं महारथी 

बिहार में पहला कोरोना संक्रमित मरीज की मौत पहले होती है और जांच रिपोर्ट बाद में आती है. उस मरीज के लाश को भी प्रशासन उसके परिजनों को यूँ ही दे देती है, जिसका परिणाम ये हुआ कि अब उस सैफ नामक लड़के का पूरा परिवार कोरोना संक्रमित है. पूरे तंत्र द्वारा लापरवाही के बहुत से मामले हैं. हो भी क्यूँ नहीं जहां का स्वास्थ्य राज्य मंत्री ही रामायण के पुनः प्रसारण होने पर पूरे परिवार के संग सीरियल देखने में व्यस्त हो, निश्चित है उस प्रदेश की जनता भगवान भरोसे ही रहेगी.

स्वास्थ्य राज्य मंत्री के बारे में और जानकारी दे दें कि बिहार में जब पिछले वर्ष चमकी से हजारों बच्चे की जान गई थी उस समय प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अश्विनी चौबे बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से क्रिकेट मैच का स्कोर पूछ रहे थे. लेकिन यदि मंत्री जी से मीडिया सवाल करे, उन्हें उसकी जिम्मेदारियों का अहसास कराये तो मंत्री जी को गुस्सा भी काफी तेज आता है. 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान एक अधिकारी को धमकी दते हुए उनका वीडियो भी खूब वायरल हुआ था. वहीं वर्ष 2019 में ही एक पुलिस अधिकारी को उन्होंने भरी सभा में फटकार लगाई थी क्योंकि उस पुलिस वाले ने उनकी पार्टी के कार्यकर्ता को किसी मामले में अंदर कर दिया था. स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे अक्सर मीटिंग के दौरान नींद लेते हुए नजर आते हैं जिसकी तस्वीर भी आए दिन वायरल होते रहते हैं.

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