तारीखों के ऐलान के बाद बढ़ी शिवराज सरकार के दो मंत्रियों की मुश्किलें, हो सकता है ऐसा!!
भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव (By Election) के लिए आने वाली 3 नवंबर को वोट (Voting) डाले जाएंगे, जबकि 10 तारीख को नतीजे (Results) आएंगे। ये ऐलान चुनाव आयोग ने किया हैं। चुनाव आयोग द्वारा किए गए इस ऐलान के बाद शिवराज सरकार (Shivraj government) में दो सिंधिया समर्थकों मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) और तुलसी सिलावट (Tulsi Silawat) की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
दरअसल, विधायक (MLA) न होने की वजह से शिवराज सरकार (Shivraj Government) में सिंधिया खेमे के 2 मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ सकता है, क्योंकि किसी भी नेता को मंत्री पद की शपथ लेने के 6 महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य (Vidhansabha Member) बनना जरूरी है और दोनों नेताओं का कार्यकाल 6 महीने बाद 20 अक्टूबर को खत्म हो रहा है, ऐसे में 6 माह पूरा होते ही दोनों का मंत्री पद चला जाएगा।
बता दे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) ने 21 अप्रैल को अपनी टीम में पांच मंत्रियों को शामिल किया था। जिसमें तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत शामिल थे। अब इनके मंत्री पद में बने रहने में संवैधानिक (Constitutional) पेंच आड़े आ रहा हैं।
इधर, कांग्रेस ने भी इन दोनों को मंत्रिमंडल (Cabinet) से बाहर करने की मांग की हैं। कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया (Congress Spokesman JP Dhopiya) ने नियमों का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार में शामिल दो मंत्रियों गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग की। धनोपिया ने कहा कि दोनों नेताओं का कार्यकाल 6 महीने बाद 20 अक्टूबर को खत्म हो रहा है, आयोग को इस पर ध्यान देते हुए उन्हें अभी मंत्रिमंडल से बाहर करने का फैसला करना चाहिए।
वहीं, दूसरी तरफ सरकार (Government) इन्हें दोबारा मंत्री बनाने की तैयारी में हैं। इसलिए प्रयास यह है कि इसी माह इन मंत्रियों से इस्तीफा (Resign) लेकर एक-दो दिन के अंतराल के बाद फिर से मंत्री पद की शपथ दिला दी जाए।
हालांकि, इसमें कानूनी और संवैधानिक पेंच भी आड़े आ रहे हैं। क्योंकि ये दोनों ही नेता उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में होंगे और अगर उस वक्त उन्हें मंत्री पद की शपथ (Oath) दिलाई गई तो ये आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।
इसलिए इनका भी तोड़ निकालने के प्रयास चल रहे हैं।