इंदौर : मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर “एयरपोर्ट” के निजीकरण के बाद कई और तरह की सुविधा यहां बढ़ेगी। ये कहना एयरपोर्ट एडवाइजरी कमेटी के मेंबर हेमेंद्रसिंह जादौन का है। उन्होंने बताया कि इंदौर एयरपोर्ट के निजीकरण के बाद यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी, दिल्ली-मुंबई और अन्य मेट्रो सिटी की तरह इंदौर का एयरपोर्ट हो जाएगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा यात्रियों को होगा। नई टर्मिनल बिल्डिंग बनेगी तो यात्री संख्या बढ़ेगी। इससे फ्लाइट भी बढ़ेंगी।
दरअसल, देश के जिन छह एयरपोर्ट का निजीकरण इसी साल होगा, उनमें इंदौर एयरपोर्ट भी शामिल है। इंदौर एयरपोर्ट पर 600 करोड़ से नई टर्मिनल बिल्डिंग बनना है, उस बिल्डिंग का काम भी अब निजीकरण के बाद होगा। बताया जा रहा है कि काम इसलिए शुरू नहीं किया गया था, क्योंकि एयरपोर्ट का नाम निजीकरण की सूची में था।
कहा जा रहा है कि बिल्डिंग के बनने से इंदौर एयरपोर्ट से हर साल 60 लाख यात्री सफर कर सकेंगे। वर्तमान में जो टर्मिनल बिल्डिंग है, उसमें कोरोना से पहले 32-35 लाख यात्रियों ने एक साल में सफर किया था। नई टर्मिनल बिल्डिंग पहले से प्रस्तावित थी।
निजीकरण के बाद होंगे कई तरह के बड़े बदवाल
टर्मिनल
एक ही टर्मिनल से इंटरनेशनल, डोमेस्टिक फ्लाइट चलती हैं। नई बिल्डिंग के बाद डोमेस्टिक फ्लाइट तो बढ़ेंगी ही नई इंटरनेशनल फ्लाइट भी शुरू होंगी।
आउटलेट बढ़ेंगे
नए शॉपिंग आउटलेट शुरू होंगे। फूड आउटलेट नए खुलेंगे। इंटरनेशनल टर्मिनल अलग होने के बाद ड्यूटी फ्री शॉप भी खुलेंगी।
रनवे बढ़ जाएगा
रनवे 2750 मीटर से बढ़कर 4250 मीटर हो जाएगा
फ्लाइट भी बढ़ेंगी
अभी 44 फ्लाइट 12 रूट पर। कोरोना से पहले 100 से ज्यादा थीं। अब निजीकरण और नई टर्मिनल बिल्डिंग के बाद फ्लाइट की संख्या तीन गुना तक बढ़ जाएगी। बोइंग 747 भी उतर सकेंगे।
यात्रियों में होगा इज़ाफ़ा
2018-19 में कोरोना से पहले 35 लाख यात्रियों ने सफर किया। लेकिन निजीकरण के बाद 60 लाख यात्री हर साल सफर कर सकेंगे।