मध्यप्रदेश में अब खुलेंगी निजी मंडियां, एक लाइसेंस से प्रदेश में कहीं भी खरीदी की रहेगी छूट

 मध्यप्रदेश/ भोपाल Bhopal।:मुख्यमंत्री शिवराज(Shivraj ) सरकार ने किसानों को उपज के सही दाम दिलाने की मंशा से निजी मंडियां खोलने का प्रावधान और मंडी अधिनियम में कर दिया है। साथ ही यह भी तय कर दिया है कि व्यापारी को एक लाइसेंस से पूरे प्रदेश में कहीं भी अनाज खरीदी करने की छूट मिलेगी। गोदाम हो या स्टील सायलो या फिर कोल्ड स्टोरेज को भी मंडी घोषित किया जा सकेगा। निजी मंडियों के कारोबार में मंडी बोर्ड का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।

 मंडी अधिनियम में संशोधन को राज्यपाल लालजी टंडन(Lalji tandon) की अनुमति से लागू हो गया है।अभी तक प्रदेश में 272 मंडी और उप मंडियां हैं।  न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीद के अलावा सभी प्रकार की उपज की खरीदी-बिक्री यहीं होती है।

अब व्यापारी समूह बनाकर मनमाने दाम पर किसानों की उपज खरीदते हैं।अब किसानों को होने वाले नुकसान को देखते हुए सरकार ने पहली बार सौदा पत्रक के माध्यम से गेहूं खरीदी की अनुमति दी है। इसमें व्यापारियों को निजी मंडी बनाने के लिए लाइसेंस  दिए हैं।इसे संस्थागत रूप देते हुए मंडी अधिनियम में संशोधन कर प्रावधान कर दिया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंडियों में इस बार हुई खरीद में लगभग 80%  सौदा पत्रक के माध्यम से हुई हैं। निजी मंडियां खुलने से किसान  घर बैठे अपनी फसल निजी व्यापारियों को बेच सकेंगे। एक लाइसेंस से व्यापारी पूरे प्रदेश में कहीं भी फसल ले सकेंगे। इसके जरिए ऑनलाइन खरीदी-बिक्री का काम करने वाले किसानों से सीधे फसल खरीद सकेंगे। गोदाम, स्टील सायलो व  कोल्ड स्टोरेज को भी प्राइवेट मंडी घोषित किया जा सकेगा है । मंडी के बाहर ग्राम स्तर से फूड प्रोसेसर, निर्यातक, थोक विक्रेता और उपभोक्ता भी सीधे खरीदी कर सकेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कृषि मंत्री कमल पटेल, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

प्रबंध अधिकार में कटौती

मंडी अधिनियम में संशोधन कर सरकार ने मंडी बोर्ड के अधिकारों में भी कटौती कर दी है। मंडी समितियों का निजी मंडियों के कामकाज में कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा। प्रबंध संचालक से नियमन संबंधी शक्तियों लेकर संचालक विपणन का एक पद बनाया गया  है ।

Exit mobile version