प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना : मध्यप्रदेश अव्वल वहीं इंदौर का भी शानदार प्रदर्शन
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत प्रदेश में अब तक 14 लाख 55 हजार 501 हितग्राहियों का पंजीयन किया गया था
- पहली किश्त में 13 लाख 40 हजार 224 हितग्राहियों को लाभ मिला
- दूसरी किश्त में 12,60,304 हितग्राहियों को फायदा मिला
- तीसरी किश्त में 8,80,517 को फायदा मिला
भोपाल : आयुषी जैन : मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में अव्वल आया है, वहीं इंदौर जिला बेहतर प्रदर्शन के लिए चुना गया है.
अब दिल्ली में महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन के साथ 3 फऱवरी को पुरस्कार लेंगी.
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत प्रदेश में अब तक 14 लाख 55 हजार 501 हितग्राहियों का पंजीयन किया गया था.
3 किश्तों में हितग्राहियों को फायदा दिया गया है. पहली किश्त में 13 लाख 40 हजार 224 हितग्राहियों को लाभ मिला. दूसरी किश्त में 12,60,304 हितग्राहियों को फायदा मिला तो तीसरी किश्त में 8,80,517 को फायदा मिला. प्रधानमंत्री मातृ वंदना सप्ताह 2 से 8 दिसंबर 2019 तक मध्यप्रदेश में मनाया गया था.
मातृ वंदना योजना का मूल उद्देश्य महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में प्रोत्साहन राशि देना और पोषण की व्यवस्था सुनिश्चित करना है-
प्रोत्साहन राशि का भुगतान हितग्राही के बैंक खाते में सीधे होता है. पात्र हितग्राही महिला को तीन किश्तों में फायदा दिया जाता है. पहली बार में पंजीयन कराने के बाद एक हजार रुपये दिए जाते है, फिर गर्भावस्था के 6 महीने बाद दो हजार का लाभ दिया जाता है, वहीं बच्चे के जन्म का पंजीयन और टीकाकरण होने के बाद दो हजार की राशि खाते में सीधे जमा होती है. अब आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के साथ ही सामान्य वर्ग की महिलाओं को भी इस योजना का फायदा दिया जा रहा है.
गौरतलब है, गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना चलाई गई है. इस योजना को पहले मातृत्व सहयोग भी कहा जाता था. साल 2010 में इंदिरा गांधी मातृ सहयोग योजना के रूप में शुरू किया गया था. 2014 में केंद्र सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर मातृ सहज योजना किया और बाद में 2017 में इसे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के नाम से पूरे देश में लागू कर दिया गया