क़लम की ताकत: देश के वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार की क़लम से

क़लम की ताकत। देश के वरिष्ठ पत्रकार रविश की क़लम से 

 

जेएनयू में फीस वृद्धि कोई इतना बड़ा मुद्दा नहीं कि इसके लिए संसद मार्च निकाला जाए।

  हकीकत यह है कि जो शहरी नक्सली इस कैम्पस में बीफ पार्टी, पब्लिंक किसिंग, महिषासुर महिमामंडन, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का मानभंजन और देश के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाने जैसी गतिविधियों….. pic.twitter.com/IB1ej0oSjm

— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 19, 2019

 

गोदी मीडिया और व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी ने बिहार की यूनिवर्सिटी को मोर्चुरी में बदल दिया है. वरना सुशील मोदी इस भाषा में ट्वीट नहीं करते. वे बिहार के ज्ञानदेव आहूजा हैं. जिन्होंने जे एन यू में कॉन्डम फेंके होने का बयान दिया था. हिन्दी प्रदेश एक अभिशप्त प्रदेश है. वहां के युवाओं की राजनीतिक चेतना के थर्ड क्लास होने का प्रमाण है सुशील मोदी का यह शानदार ट्विट.

 

 

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