नई दिल्ली : रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच भारत के लोगों को बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल (ब्रेंट क्रूड) के भाव बढ़कर 110 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गए हैं। वहीं, ग्लोबल फर्म गोल्डमैन सैश, मॉर्गन स्टैनली और JP मॉर्गन ने कच्चे की कीमतों पर भविष्यवाणी की है। इन एजेंसियों के अनुसार कच्चे तेल के दाम जल्द ही 150 डॉलर प्रति बैरल को भी पार कर सकते हैं। जो भारत के लिए अच्छे संकेत नहीं है।
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 110 डॉलर प्रति बैरल पार कर गई हैं। आगे भी इसमें तेजी जारी रह सकती है। ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 25 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
जबकि, अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने दुनिया में एनर्जी संकट बढ़ने की चेतावनी दी है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस से कच्चे तेल की सप्लाई पर असर पड़ा। जिससे क्रूड के भाव 2014 के बाद सबसे ऊंचाई पर पहुंच गए। इससे आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम 25 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ सकते हैं।
इधर, तेल कंपनियों ने 3 नवंबर से पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। लेकिन तब से लेकर अब तक कच्चा तेल 33 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा महंगा हो गया है।
हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है। विधान सभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने हैं इसके बाद पेट्रोल-डीजल महंगे हो सकते हैं। क्योंकि आमतौर देखा गया है कि तेल कंपनियां चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाती हैं। यानी, 10 मार्च को चुनाव खत्म होने के बाद कीमत में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।