सागर केंद्रीय जेल के बाहर 4 साल के मासूम ने रोते हुए मां से मिलने की लगाई गुहार
सागर के केंद्रीय जेल में बंद एक मां का 4 साल का मासूम बच्चा तड़प-तड़प कर इस कदर रोया कि जेल अफसरों को आधी रात में न्यायालय का गेट खुलवाना पड़ा और बच्चें और का मिलवाया गया।
क्या है पूरा मामला
सागर निवासी एक नाबालिग लड़की से जुड़े आपराधिक मामले में शहजान अली, आफरीन और नगमा को गोपालगंज पुलिस ने जेल में बंद किया था। ये सभी केंद्रीय जेल सागर में बंद हैं। जिसमें बच्चें का चाचा उसे लेकर इन सभी की जमानत के लिए कोर्ट में घूम रहा था। लेकिन बच्चा अपनी मां (आफरीन) से मिलने के लिए तड़प रहा था। जिसके बाद मासूम बच्चा बुरी तरह बिलख-बिलखकर रोने लगा। वह जेल परिसर से बाहर जाने को तैयार ही नहीं था। हालात देख सुपरिटेडेन्ट सोलंकी ने विशेष न्यायाधीश एडीजे डीके नागले को घटना बताई। इसके बाद उन्होंने इस बच्चे की मां की तरफ से एक लिखित आवेदन कोर्ट में पेश करने की बात कही। न्यायाधीश भी रात करीब 8. 30 जिला न्यायालय पहुंच गए। यहां से जेलर चौधरी, मां आफरीन व सुपरिटेंडेन्ट सोलंकी की तरफ से लिखी चिट्ठी लेकर कोर्ट में हाजिर हो गए। जज नागले ने विचारण के बाद जारौन को जेल दाखिल करने की अनुमति दे दी।
जेल अफसर को मिला सुकून
सागर के केंद्रीय जेल के सुपरिटेंडेन्ट संतोषसिंह सोलंकी ने बताया कि मेरे करियर में ये पहला ऐसा मामला हैं, जिसमें मैंने कोर्ट खुलवाने के लिए आवेदन किया। हालांकि इस मासूम की हालत देख कोई भी व्यक्ति यह पहल करने से नहीं रुकता।