क्या हटाए जाएंगे मध्यप्रदेश के मंत्रियों के ओएसडी , पढ़े पूरी ख़बर
*दो मंत्रियों के ओएसडी निलंबित
*बाकियों का भी हो सकता है निलंबन
*सीएम कमलनाथ ने दिया था बयान
भोपाल . मध्य प्रदेश के वर्तमान सियासी हालातों के बीच दो मंत्रियों के ओएसडी का तत्काल प्रभाव से निलंबन सामान्य दिखाई नहीं देता है| मालूम हो कि जब नई नवेली कमलनाथ सरकार 2018 दिसंबर में अपने अस्तित्व में आई थी तब मुख्यमंत्री कमलनाथ का साफ तौर पर यह कहना था कि पूर्व की सरकार में कार्य कर चुके नेताओं के सहायक ओएसडी को नियुक्त ना किया जाए| इसके पीछे मंशा यह बताई गई थी कि उनके कार्य शैली में पूर्व सरकार के प्रति झुकाव आना लाजमी है|इसलिए उन्हें हीं अधिकारी के तौर पर चुना जाए जो कि पूर्व के भाजपा सरकार में कार्यरत न हों | सीएम कमलनाथ के ऐलान के बावजूद भी अभी तक इसके ऊपर कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं और अब ऐसे में जब दो मंत्रियों के ओएसडी यानी कि खाद्य मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर के ओएसडी हरीश खरे एवं खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के ओएसडी अरुण निगम को निलंबित कर दिया गया है|पीड़िता ने इन दोनों पर शराब पिलाकर शारीरिक सम्बन्ध बनाने का आरोप लगाया था| एसआईटी द्वारा जमा चालान में भी इस आरोप का ज़िक्र था जिसके बाद हरीश खरे और अरुण निगम को निलंबित कर वापस अपने विभाग में भेज दिया गया|इस मामले को इस तरह से भी देखा जा रहा है कि कहीं मध्य प्रदेश के अन्य मंत्रियों के ओएसडी जो की पूर्व सरकार में कार्य कर चुके थे उन्हें भी कमलनाथ सरकार के द्वारा हटा दिया जाएगा या सभी मंत्री एक साल में अपने अधिकारियों से इतना घुल मिल चुके हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को इन्हें ना हटाने के लिए मना लेंगे|बहरहाल यह तो आने वाले दिनों में हीं पता लग पायेगा की क्या बाकी के ओएसडी भी नपेंगे या मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को मना लिया है|