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आज संसद में नागरिकता संशोधन बिल पेश होने पर विपक्ष का विरोध, जानिए क्या है नागरिकता संशोधन बिल

आज संसद में नागरिकता संशोधन बिल पेश होने पर विपक्ष का विरोध, जानिए क्या है नागरिकता संशोधन बिल

आज संसद में नागरिकता संशोधन बिल यानी की सिटिज़नशिप अमेंडमेंट बिल को आज लोकसभा में पेश किया जाएगा. जिसके ज़रिये पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता दी जा सकेगी.लेकिन इसका जमकर संसद में आज विरोध किया जाएगा। विपक्ष इस बिल के पूरी तरह से विरोध में है बता दें कि लोकसभा के पिछले कार्यकाल के दौरान यह बिल निष्प्रभावी हो गया था. विधेयक पेश करने को देखते हुए सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने सभी लोकसभा सदस्यों को व्हिप जारी किया कि नौ दिसम्बर से तीन दिनों तक सदन में मौजूद रहें. एक सूत्र ने बताया कि व्हिप में भाजपा के सभी सांसदों से सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है. लोकसभा के सोमवार की कार्य सूची के मुताबिक छह दशक पुराने नागरिकता कानून में संशोधन वाला विधेयक दोपहर में लोकसभा में पेश होगा और बाद में इस पर चर्चा होगी और फिर इसे पारित कराया जाएगा. विधेयक के लोकसभा में आसानी से पारित होने की संभावना है क्योंकि 545 सदस्यीय सदन में भाजपा के 303 सांसद हैं.

जानिए क्या है नागरिकता संशोधन बिल  

  • इसका उद्देश्य छह समुदायों – हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी लोगों को भारतीय नागरिकता देना है.
  • बिल के ज़रिये मौजूदा कानूनों में संशोधन किया जाएगा, ताकि चुनिंदा वर्गों के गैरकानूनी प्रवासियों को छूट प्रदान की जा सके. चूंकि इस विधेयक में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है, इसलिए विपक्ष ने बिल को भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए उसकी आलोचना की है.
  • बता दें कि नए बिल में अन्य संशोधन भी किए गए हैं, ताकि 'गैरकानूनी रूप से भारत में घुसे' लोगों तथा पड़ोसी देशों में धार्मिक अत्याचारों का शिकार होकर भारत में शरण लेने वाले लोगों में स्पष्ट रूप से अंतर किया जा सके.
  • देश के पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है, और उनकी चिंता है कि पिछले कुछ दशकों में बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिन्दुओं को नागरिकता प्रदान की जा सकती है.
  • नागरिकता संशोधन बिल का संसद के निचले सदन लोकसभा में आसानी से पारित हो जाना तय है, लेकिन राज्यसभा में, जहां केंद्र सरकार के पास बहुमत नहीं है, इसका पारित हो जाना आसान नहीं होगा.
  • असम में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के खिलाफ विभिन्न प्रकार से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं जिनमें नग्न होकर प्रदर्शन करना और तलवार लेकर प्रदर्शन करना भी शामिल है. मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के चबुआ स्थित निवास और गुवाहाटी में वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा के घर के बाहर सीएबी विरोधी पोस्टर चिपकाए गए.

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