सत्याग्रह ऑनलाइन : मिट्टी का 2100 देने वाले थे, मक्के का समर्थन मूल्य भी नहीं दे पा रहे हैं
- किसानों ने शुरु किया है ऑनलाइन आन्दोलन
- सभी का मिल रहा है समर्थन
- 1850 है समर्थन मूल्य सरकार खरीद रही 900 से 1000 रूपये क्विंटल
भोपाल डेस्क, गौतम कुमार
मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के सामने एक नई मुसीबत आ खड़ी हुई है। यहां के किसानों ने मक्के के समर्थन मूल्य को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन की सबसे अलग और अनोखी बात यह है कि यह पूरा आंदोलन ऑनलाइन किया जा रहा है और इस आंदोलन का नाम ही ऑनलाइन सत्याग्रह आंदोलन दिया गया है।
दरअसल मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के कुछ किसान प्ले कार्ड के माध्यम से वीडियो बनाकर सरकार के सामने अपनी परेशानी को बता रहे हैंइसके अलावा किसान सत्याग्रह के समर्थन में आंदोलन को और ज्यादा कारगर बनाने के लिए अपनी सोशल मीडिया की प्रोफाइल पिक्चर पर सत्याग्रह के फोटो लगा रहे हैं। किसानों का इस तरह का आंदोलन अपने आप में एक अनोखा और नया तरीका है। यह आंदोलन सिवनी जिले में 2 सप्ताह पहले शुरू हुआ था और जल्द ही इसे अन्य किसान संगठनों का समर्थन भी मिलने लगा है।
फेसबुक से शुरू किया आंदोलन
इसके लिए पहले तो सत्याग्रह का फेसबुक पेज बनाया गया, टि्वटर में भी इसी नाम से अकाउंट बनाया गया और उसके बाद इस आंदोलन को मूर्त रूप दिया गया। यहां तक कि सिवनी के किसान नेता सरदार वीएम सिंह ने भी इस सत्याग्रह के समर्थन में वीडियो जारी किया है।
समर्थन से भी कम मूल्य
मध्यप्रदेश में किसानों से मक्के की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम दाम पर खरीदा जा रहा है। कमिशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेस (CFACAP) के मुताबिक 1 क्विंटल मक्का पैदा करने की लागत तकरीबन 1213 रुपए आती है। जबकि केंद्र सरकार ने इसका समर्थन मूल्य 1850 तय किया है। इसके बावजूद मध्यप्रदेश में मक्का 900 से 1000 रुपए क्विंटल ही खरीदा जा रहा है यानी कि सरकार किसानों को उनकी लागत भी नहीं लौटा पा रही।
केंद्र के फैसलों का असर
इसका मुख्य कारण केंद्र सरकार की नीतियों को बताया जा रहा है। एक वीडियो के माध्यम से यह बताया जा रहा है कि अभी कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार ने 3 देशों से मक्का मंगवाया है यानि कि मक्का आयात किया गया है जिसके बाद से ही मक्के की फसल अचानक से आधे से भी कम हो गई है। ऐसे में किसानों के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है। इस लॉकडाउन के जमाने में जब सारा देश अब ऑनलाइन के मार्ग पर आ गया है ऐसे में किसानों ने इस तरह के आंदोलन को चलाया है।
ऐसा नहीं है कि मध्य प्रदेश मक्के का बड़ा उत्पादक है लेकिन प्रदेश के सिवनी छिंदवाड़ा जैसे जिलों में मक्के की खेती होती है और अकेले सिवनी में लगभग 425000 एकड़ जमीन में मक्के की खेती की जाती है।जबकि सरकार कह रही है कि मध्यप्रदेश में मक्के का उत्पादन ज्यादा नहीं होता जोकि सरासर गलत है।
अब अन्न का त्याग
सिवनी के मक्का किसान 'सत्याग्रह ऑनलाइन' आंदोलन को अगले चरण में ले जाने के लिए भूख हड़ताल करेंगे। इसके लिए सीवनी के युवा किसानों ने एक वीडियो जारी कर यह संदेश दिया है कि किसान सत्याग्रह आंदोलन के अगले चरण में गुरुवार यानी कि 11 जून को उपवास और अनशन किया जाएगा। सत्याग्रह से जुड़े युवा किसानों ने लोगों से अपील की है कि वो मक्का किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के लिए 11 जून को त्याग करें और इस सत्याग्रह में अपना समर्थन दें।
एक मर्तबा शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष में रहते हुए कहा था कि किसानों की जमीन का मिट्टी का भी न्यूनतम मूल हम 21 से ज्यादा दिलवा देंगे। अब जब शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मुखिया हैं ऐसे में किसानों की हालत का जिम्मेदार कौन होगा।