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JEE मेंस में ओजस बने भोपाल टापर: सेना के संकल्प ने बनाया मौजूद

भोपाल। NTA ने मंगलवार को JEE मेन सेशन एक परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया। इसके पहले 6 फरवरी को परीक्षा की फाइनल आंसर शीट जारी की गई थी। बता दें कि परीक्षा 24 जनवरी से आरंभ होकर एक फरवरी तक चली थी, जिसमें भोपाल से करीब पांच हजार बच्चे ने परीक्षा दी थी। जिसमें ओजस वार्ष्णेय ने पहले प्रयास में ही 99.99 पर्सेंटाइल हासिल कर शहर में पहला स्थान प्राप्त किया है। फिजिक्स और गणित में 100 पर्सेंटाइल के साथ ओजस को 300 में से 290 अंक प्राप्त हुए हैं। कई अन्य विद्यार्थियों ने भी अच्छे अंक प्राप्त कर जेईई एडवांस के लिए रास्ता साफ किया है।

खुदका स्टार्टअप करना चाहते हैं खड़ा
परिणाम आने के बाद ओजस वार्ष्णेय ने अपनी सफलता के सूत्र साझा करते हुए बताया कि कक्षा वह अभी 11वीं से आइआइटी की तैयारी के बाद अब वह इस साल 12वीं की परीक्षा देंगे। उनके पापा डा. अतुल वार्ष्णेय चिकित्सक और मम्मी रितु वार्ष्णेय कंपनी सेक्रेटरी हैं। ओजस ने बताया कि मेरा गणित विषय शुरू से अच्छा था। इसलिए इंजीनियरिंग करने का निर्णय लिया। मेरे घर से कोई इस फील्ड में नहीं है फिर भी मेरे फैसले में घरवालों का पूरा सपोर्ट मिला। जेईई मेन के लिए प्रतिदिन चार से पांच घंटे पढ़ाई की, वहीं कोचिंग भी रोजाना जाता था। अब जेईई एडवांस की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके माध्यम से देश के अच्छे आइआइटी में दाखिला लेना है। ओजस ने बताया कि अभी ब्रांच के बारे में नहीं सोचा है लेकिन आइआइटी करने के बाद इंजीनियर के रूप में तीन-चार साल नौकरी करूंगा फिर खुद का स्टार्टअप खड़ा करना चाहता हूं, क्योंकि नौकरी का बंधन मुझे पसंद नहीं है।

माँ से मिला मोटिवेशन तो किसी को सेना ने बनाया मजबूत
सिटी में दूसरी रैंक लाने वाले सोहम सहस्त्रबुद्धे का कहना है कि मैंने 11वीं क्लास में ही जेईई की प्रिपरेशन शुरु कर दी थी। रोजाना चार से पांच घंटे सेल्फ स्टडी की है। मेरी मां सरकारी स्कूल में टीचर हैं इसीलिए उन्होंने मुझे पढ़ने के लिए काफी मोटिवेट किया। उन्होंने कहा कि तैयारी के दौरान टेस्ट में मेरे कम नंबर आए थे लेकिन मैंने खुद को प्रिपेयर किया और फिर अच्छे नंबर हासिल किए। पढ़ाई के अतिरिक्त फिल्में देखना पसंद है। वहीं सिटी में पांचवीं रेंक लाने वाले परम सक्सेना का कहना है कि मेरे दादा आर्मी में थे और पिता भी आर्मी में हैं तो उन दोनों ने अंदर से स्ट्रांग रहने की और मुश्किलों में हार न मानने की हिम्मत मुझे दी। उन्होंने कहा कि उनके मार्गदर्शन में मैंने आइआइटी की तैयारी और मेहनत की। मेरी केमिस्ट्री कमजोर थी इसके लिए मैंने बहुत अच्छे से तैयारी की। अब जेईई एडवांस की तैयारी शुरू कर दी है। खाली समय में बेडमिंटन खेलना पंसद है।

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