OBC आरक्षण, दबाव में CM शिवराज! रद्द की विदेश यात्रा, कहा रखना है सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष

भोपाल : मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में लंबे समय से अटके पंचायत चुनाव के मामले में सुनवाई करते हुए बड़ा फ़ैसला सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से कहा है कि चुनाव करवाए। दो हफ्ते में अधिसूचना जारी करे। ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता। फिलहाल सिर्फ एससी/एसटी आरक्षण रहेगा।

बता दे कि कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की रिपोर्ट को अधूरा माना। ऐसे में अब अधूरी रिपोर्ट होने के कारण मध्य प्रदेश के ओबीसी वर्ग को पंचायत एवं नगर पालिका में आरक्षण नहीं मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है। जहां एक तरफ इस मामलें को लेकर विपक्ष सरकार के खिलाफ हमलावर हो चला है तो वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी दल अपना बचाव और विपक्ष के हमलों पर पलटवार कर रहीं है।

इसी बीच एक बार फिर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। शिवराज सिंह में ट्वीट करते हुए लिखा की – माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा कल मध्यप्रदेश के स्थानीय निकायों में बिना पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के चुनाव कराने का निर्णय सुनाया गया है। मेरी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

उन्होंने लिखा की – माननीय न्यायालय का निर्णय स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व को प्रभावित करने वाला है। इसलिए राज्य सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय में पुनः संशोधन याचिका दायर करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने आगे लिखा की – मेरा दिनांक 14 मई से मध्यप्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए विदेश प्रवास तय था, किंतु इस समय न्यायालय में पुनः अपना पक्ष रखना तथा पिछड़ा वर्ग के हितों का संरक्षण करना मेरी प्राथमिकता है। इसलिए मैं अपनी प्रस्तावित विदेश यात्रा निरस्त कर रहा हूं।

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