एमपी में अब माफियाओं की खैर नहीं, उप्र से भी सख्त होगा गैंगस्टर एक्ट जानिए क्या होंगे प्रावधान
- माफियाओं और अपराधियों को लगाम लगाने प्रदेश में लागु होगा गैंगस्टर एक्ट
- गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा यूपी के गुंडा एक्ट से ज्यादा सख्त होगा एमपी का गैंगस्टर एक्ट
- कैबिनेट से मंजूरी के बाद आगामी विधानसभा सत्र में पारित किया जाएगा एक्ट
भोपाल/प्रियंक केशरवानी:- मध्यप्रदेश में अब माफियाओं और बदमाशों की खैर नहीं सभी अपराधी हो जाएं सावधान, हाल के दिनों में एमपी में जहरीली शराब से मौतों, शराब की अवैध बिक्री, अवैध रेट खनन जैसे माफिया तेजी से क्राइम कर रहे है. जिनको लगाम लगाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने गैंगस्टर एक्ट के प्रारूप तैयार कर लिया है. इसी बीच गैंगस्टर एक्ट को लेकर एमपी में कवायद शुरू हो गई है. गृह मंत्री मिश्रा ने बताया कि उप्र से भी ज्यादा सख्त होगा एमपी का गैंगस्टर एक्ट इसके पहले भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी माफियाओं को चेतावनी दी थी कि सुधर जाओ नहीं तो जमीन में गाड़ दूंगा पर उनकी बात का कोई असर होते नहीं दिख रहा है।
अगले महीने कैबिनेट में रखा जाएगा एक्ट
वहीँ प्रदेश के गृहमंत्री ने बताया कि गैंगस्टर एक्ट अगले महीने कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा. कैबिनेट में पास होने के बाद आने वाली विधानसभा सत्र में इसे पेश किया जाएगा और अगर जरुरी हुआ तो अध्यादेश भी ला सकती है सरकार। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यूपी में लागु हुए गुंडा एक्ट से ज्यादा खतरनाक होगा गैंगस्टर एक्ट और गैंगस्टर एक्ट की जरुरत इसलिए है. क्यूंकि मध्यप्रदेश में जहरीली शाराब, अवैध शराब माफिया, रेत खनन जैसे माफियाओं और अन्य अपराधी गतिविधि को रोकने के लिए इसे लागु करना होगा।
ऐंसे होंगे एमपी में गैंगस्टर एक्ट के प्रावधान
-सामाजिक विरोध गतिविधियां और संगठित गिरोह को इस एक्ट में शामिल किया जाएगा
-गैंगस्टर एक्ट में अवैध और जहरीली शराब के कारोबारी, अवैध खनन माफिया, गौ हत्यारे, भूमाफियाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी
-इस एक्ट में धारा 5 के तहत स्पेशल कोर्ट बनाई जाएगी, जिससे सुनवाई और सजा जल्द हो सके.
-इस एक्ट में धारा 11 के तहत गवाहों को खास सुरक्षा दी जाएगी, जो गैंगस्टर के खिलाफ स्वतंत्र गवाह को कोर्ट के पेश होने के लिए प्रोत्साहित करेगा
-इस एक्ट में पुलिस रिमांड और न्यायिक रिमांड की सीमा बढ़ाई जा सकती है
-इसके अलावा धारा 2 (b) (ii) में रेत और खनन गिरोहों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही के लिए खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1956 वर्ष 1957 का अधिन