फिर गरमाई प्रदेश की सियासत, महापौर अध्यादेश को लेकर अब सिंधिया ने राज्यपाल को दे डाली ये सलाह
ग्वालियर: मध्य प्रदेश की सियासत लगातार गरमाई हुई हैं। यहां कांग्रेस बीजेपी दोनों आमने सामने आ चुकी हैं। दरअसल ये ये सियासत कमलनाथ सरकार के अप्रत्यक्ष चुनाव के उस अध्यादेश को मंजूरी नहीं दिए जाने को लेकर हो रही है, जिसमें सरकार ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद 2 बिल राज्यपाल के पास भेजे थे।
बता दे कि इन 2 बिलों में से एक पार्षद प्रत्याशी के हलफनामे और दूसरा मेयर के चुनाव से जुड़ा था। राज्यपाल लालजी टंडन ने पार्षद प्रत्याशी के हलफनामे से जुड़े अध्यादेश को मंजूरी दी है, जबकि मेयर के अप्रत्यक्ष चुनाव से जुड़े अध्यादेश को फिलहाल रोक दिया हैं। जिसके बाद प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई हैं। इस मामले को लेकर अब राज्यपाल लालजी टंडन को कई तरह की सलाह दी जा रही हैं।
इस मामले को लेकर पहले कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट कर राज्यपाल को इस पर को मंजूर करने की सलाह दी। मामला यहीं नहीं थमा इसके बाद कमलनाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंघार भी राज्यपाल पर हावी होते हुए नज़र आए। अब इसी क्रम में कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस मामले पर अपनी राय राज्यपाल को दी हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यपाल लालजी टंडन को को महापौर अध्यादेश को मंजूरी देने की सलाह दी हैं।
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर सोमवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। और सरकार द्वारा भेजे गए नगरी निकाय एक अध्यादेश को रद्द करने की मांग करी हैं। इसके अलावा शिवराज ने राज्यपाल से इस मामले में जल्द फैसला लेने का अनुरोध किया। साथ ही सीएम कमलनाथ से भी अध्यादेश को वापस लिए जाने की मांग रखी हैं।
वहीं, शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम इसका विरोध करते हैं। कांग्रेस को हार का डर सता रहा है इसलिए कांग्रेस ऐसा करना चाहती हैं। लेकिन हम इसके विरोध में हैं। उन्होंने बताया की मैंने राज्यपाल से भी इसको रद्द करने की मांग की हैं।