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जबलपुर : क्या सीएम सुनेंगे संत की आवाज?

क्या सीएम सुनेंगे संत की आवाज?  
नर्मदा संरक्षण की सात सूत्रीय मांगों को लेकर समर्थ भैयाजीसरकार ने महीने भर से त्याग रखा है अन्न
द लोकनीति डेस्क जबलपुर : –
मां नर्मदा व गौवंश के संरक्षण संवर्धन के लिए अन्न त्याग कर सात सूत्रीय मांगों को लेकर सत्याग्रह कर रहे समर्थ सद्गुरु भैयाजी सरकार देवउठनी ग्यारस बुधवार को दोपहर 1 बजे से ग्वारीघाट उमाघाट में मां नर्मदा पूजन के साथ जन जागरण क्रमिक अनशन करेंगे एवं शाम 7 बजे नर्मदा महाआरती में शामिल होंगे इस दौरान नर्मदा पुत्र, भक्त और माई के प्रेमी नर्मदा शुद्धिकरण और संरक्षण हेतु हो रहे मां नर्मदा गौ सत्याग्रह का महासंकल्प लेंगे। नर्मदा मिशन ने नर्मदा के अस्तित्व को अक्षुण्य रखने तथा इस प्राकृति संपदा के संरक्षण के लिए सभी नर्मदा गौ भक्त तथा प्रेमियों से अपील की है कि मां नर्मदा गौ सत्याग्रह में शामिल होकर मां नर्मदा गौवंश को बचाने प्रारम्भ हुई इस मुहिम को आगे बढ़ाएं।
मुख्यमंत्री आज शहर में
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को जबलपुर प्रवास पर हैं। नर्मदा और गौ भक्त माने जाने वाले प्रदेश के मुखिया क्या भैयाजी सरकार की गुहार सुनेंगे। चौहान दोपहर 3.35 बजे उमरिया से वायुयान द्वारा डुमना विमानतल पहुंचेंगे। आप जबलपुर में स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होने के बाद शाम 5.20 बजे वायुयान से इंदौर प्रस्थान करें 
नर्मदा गौ सत्याग्रह की प्रमुख मांगें
1) मां नर्मदा तट एच.एफ.एल.से 300 मीटर तक के हरित क्षेत्र को हाईकोर्ट के आदेशानुसार सीमांकन कर प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर तत्काल संरक्षित किया जाए।
2) मां नर्मदा को जीवंत इकाई का दर्जा देकर ठोस नीति व कानून बनाए।
3) दबंग ,भू -खनन माफिया पूंजीपतियों द्वारा लगातार हो रहे हरित क्षेत्र में अवैध निर्माण,अतिक्रमण भंडारण,खनन तत्काल प्रतिबंधित कर अवैध साधन संसाधन भंडारण सामग्री को तत्काल राजसात किया जाए।
4) अमरकंटक तीर्थ क्षेत्र में हो रहे निर्माण अतिक्रमण खनन पूर्णत: प्रतिबंधित किया जाए।
5) मां नर्मदा के जल में मिल रहे गंदे नालों विषैले रासायनों को बंद करने व अपशिष्ट द्रव्य पदार्थों के प्रबंधन हेतु प्रभावी ठोस कार्ययोजना लागू की जाए।
6) बेसहारा गौ वंश के लिए आरक्षित नगरीय निकायों की गौचर भूमि को संरक्षित किया जाए एवं अवैध अतिक्रमण निर्माण कब्जा से मुक्त कराया जाए।
7) मां नर्मदा पथ के तटवर्ती गांव नगरों को जैव विविधता क्षेत्र घोषित कर समग्र गौ नीति के साथ गौ अभ्यारण सुनिश्चित किये जाएं।                                                                                                                

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