नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने जेएनयू में हुए हमले को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि चिंताजनक बात यह है कि युवा विवादों को सुलझाने के लिए हिंसा का सहारा ले रहे हैं.
अभिजीत बनर्जी ने यह चिंता इंडियन एक्सप्रेस से एक बातचीत के दौरान व्यक्त की है. उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान पर भी सहमति जताई है. जिसमें उन्होंने कहा था कि जेएनयू असहमति के लिए एक सुरक्षित स्थान था.
अभिजीत ने कहा कि यह हमारे देश की संस्कृति है कि हम बगैर हिंसा का सहारा लिए बातचीत कर सकते हैं और कभी भी असहमति के कारण बातचीत की सीमा को नहीं लाँघते.
गौरतलब है कि अभिजीत बनर्जी जब जेएनयू में पढ़ते थे तब सन 1983 में उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया था.