अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी का बयान- भारतीय प्रणाली में नोबेल पाना मुश्किल,भारत में होता तो शायद न मिलता नोबेल पुरूस्कार

अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी का बयान भारतीय प्रणाली में नोबेल पाना मुश्किल,भारत में होता तो शायद न मिलता नोबेल पुरूस्कार

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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे नोबेल विनर अभिजीत बनर्जी बोले. खुद अकेले व्यक्ति के लिए नोबेल प्राप्त करना संभव नहीं है 
 जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में  नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि  अगर वह भारत में होते तो शायद नोबेल पुरस्कार जीतने में सक्षम नहीं होते। साथ ही  उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिभा की कमी नहीं  है लेकिन यहां खास तरह के प्रणाली की जरूरत है।
मैनें अकेले यह कार्य नहीं किया है इसमें मेरा साथ कई छात्रों ने दिया है। वास्तविकता तो यह है एक व्यक्ति के लिए इसे हासिल करना बेहद कठिन है।

जेनयू के छात्र रहे हैं अभिजीत
अभिजीत का जन्म मुंबई में हुआ था। उन्होनें अपनी शिक्षा भारत में कोलकाता यूनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से प्राप्त की
 उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वर्तमान में वह एमआईटी(Massachusetts Institute of Technology) में  प्रोफेसर हैं।
गौरतलब है कि  बीते साल अक्टूबर में प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी पत्नी एस्तर डफ्लो और माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इन  तीनों अर्थशास्त्रियों को वैश्विक गरीबी खत्म करने के उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

भारत को मजबूत विपक्ष की जरूरत  
देश की राजनीतिक स्थिति पर अभिजीत बनर्जी ने कहा कि भारत को एक अच्छी विपक्षी पार्टी की जरूरत है। सत्ताधारी पार्टी को भी अच्छे विपक्ष की जरूरत होती है। गिरती अर्थव्यवस्ता पर अभिजीत बनर्जी ने कहा कि फिलहाल ऐसा नहीं लगता कि हम जल्द इस समस्या से बाहर निकल पाएंगे। इसमें अभी वक्त लगेगा। अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए धीरे.धीरे कई चीजों पर काम करने की जरूरत है।

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