मध्यप्रदेश/भोपाल:– भोपाल में एक जुलाई से खुले तबादलों की अवधि खत्म होने में अब सिर्फ 7 दिन बाकी हैं| राज्य सरकार ने 7 अगस्त तक तबादले किए जाने को मंजूरी दी है| तबादलों के बीच लगातार फर्जी नोटशीट के जरिए सिफारिश करने के मामले में अब सरकार एक्शन ले रही है| बता दें की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि बिना जांच के कोई तबादला सिफारिश के आधार पर नहीं होगा| मंत्रियों को सिफारिशों का पुष्टिकरण करना होगा| जिन विधायकों ने सिफारिशें की हैं उनसे पूछने के बाद ही तबादला होगा| तबादलों के लिए विधायक- सांसदों के फर्जी पत्र मिलने के बाद तबादले की प्रक्रिया में जांच को अनिवार्य किया गया है|
दरअसल, मुख्यमंत्री कार्यालय में शिक्षकों नर्स और तहसीलदारों के तबादलों को लेकर फर्जी नोटशीट पहुंची थी| नोटशीट की इबारत लिखावट और हस्ताक्षर पर शंका के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात प्रशासनिक अफसरों ने जब सांसद विधायकों से नोटशीट की जानकारी ली तब वह फर्जी निकली| इसके बाद पूरा मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया| नोटशीट भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह, देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी, राजगढ़ सांसद रोडमल नागर और सिलवानी विधायक रामपाल सिंह के नाम से भेजी गई थी| क्राइम ब्रांच ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन अलग-अलग टीमों का गठन किया है| पिछली कैबिनेट में मंत्रियों ने तबादलों को लेकर तारीख बढ़ाई जाने की मांग रखी थी| जिसे 31 जुलाई से बढ़ाकर 7 अगस्त किया गया था| लेकिन अब तबादलों को लेकर की जारी सिफारिशों के सत्यापन की कार्यविधि तेज हो गई है| उसी के बाद तबादला आदेश जारी होंगे|