प्रदेश के गोदमों में रखा है पिछले 2 साल से 90 लाख टन धान, अब नए धान खुले में रखेगी सरकार

प्रदेश के गोदमों में रखा है पिछले 2 साल से 90 लाख टन धान, अब नए धान खुले में रखेगी सरकार
भोपाल। प्रदेश में गोदामों का भारी संकट है। जो धान पहले से रखे है सरकार ने उसे सालों से गोदामों में जगह दे रखी जिसकी वजह से अब प्रदेश में पैदा हुए नए धान को सरकार खुले में रखने की तैयारी कर रही है। गोदाम नहीं होने के कारण सरकार ने लाखों टन धान खुले में रखने का निर्णय लिया है। मप्र भंडार निगम ने ज्यादा धान उत्पादन वाले सात जिलों में खुले कैप बनने के टेंडर भी जारी कर दिए हैं। प्रदेश के गोदामों में करीब 90 लाख टन गेहूं, धान, चना, सरसो, मूंग सहित अन्य अनाज पिछले दो साल से रखा हुआ है। इसके चलते जबलपुर, दमोह, बालाघाट, सिवनी, रीवा, मंडला, उमरिया जिले में धान रखने के लिए गोदामों में जगह नहीं मिल रही है। हालांकि इन जिलों की कुछ धान दूसरे जिलों के गोदामों रखने की व्यवस्था की गई है, लेकिन इन जिलों के गोदामों में भी इतनी ज्यादा भंडारण की क्षमता नहीं है। भंडार निगम इन जिलों में खुले कैप बनाने के लिए जगह तलाश रही है। सड़क के किनारे शासकीय भूमि पर गोदाम बनाया जाएगा, जिससे धान परिवहन करने में किसी तरह की समस्य पैदा न हो। धान खरीदी के बाद तीन दिन के अंदर उसका परिवहन करने पर परिवहन करने वाली एजेंसी पर कर्रवाई की जाएगी। खरीदी केन्द्रों पर दो लाख टन धान खरीदी गई गई है, लेकिन अभी तक मात्र एक लाख टन धान का परिवहन किया गया है। खाद्य और सहकारिता विभाग ने धान परिवहन में हो रही देरी को लेकर समितियों से जानकारी मांगी है। परिवहन में अगर समितियों की तरफ से लेटलतीफी होगी तो समितियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।