सिवनी :- प्रवासी मजदूरों का होम आइसोलेशन ना बन जाए मुसीबत……

सिवनी से महेंद्र सिंघ नायक की रिपोर्ट:- वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोना के दौर में प्रशासनिक सजगता व जनसहयोग से सिवनी जिला अब तक संक्रमण शून्य है! अब तक 43 दिन के लॉकडाउन एवं जिला स्तरीय कर्फ्यू के फलस्वरूप सिवनी जिला लगातार ग्रीन जोन में बना रहा है! ग्रीन जोन में आने के कारण अब सिवनी को  सशर्त राहत मिलने लगी हैं! 
      पर इस राहत के दौर में सिवनी को अपने संक्रमण मुक्त रखना एक बहुत बड़ी चुनौती बन सकती है! सबसे बड़ी समस्या रेड जोन वाले जबलपुर और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासी मजदूरों के कारण बन सकती है! ज्ञात हो कि सिवनी जिला की एक बड़ी आबादी प्रवासी मजदूरों की है जो अपने जीवनयापन के लिये पड़ोसी नगर जबलपुर एवं पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के प्रमुख नगर नागपुर आदि में जाते हैं! लॉकडाउन के पहले चरण से ही यहाँ पर प्रवासी मजदूरों के वापस लौटने का सिलसिला चल रहा है! अब राहत के चरण में इन मजदूरों की वापसी संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है! पहले जिला पंचायत सिवनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुनील दुबे के 15/04/2020 के आदेश क्रमांक 3594 के अनुसार बाहर से आने वाले मजदूरों को स्क्रीनिंग के बाद शासकीय स्कूलों में 14 दिनों के लिये कोरेण्टाइन कर अलग रखा जाता था, ताकि संक्रमण का खतरा न रहे! जिसका कड़ाई से पालन किया जाता था एवं लोगों को 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन किया जाता था…
परन्तु तत्कालीन कलेक्टर प्रवीण सिंह के 27/07/2020 के नवीनतम आदेश क्रमांक 2971 के अनुसार बाहर से आनेवाले व्यक्तियों और प्रवासी मजदूरों को कुछ शर्तों के साथ स्वयं के घरों में ही कोरेण्टाइन/आइसोलेशन में रहने की अनुमति दे दी गई है! इस आदेश के आधार पर अब बाहर से आये व्यक्ति सीधे घरों में जाकर सामान्य जिन्दगी जीने लगे हैं! ऐसे में जब ये लोग ग्राम में घूमेंगे, लोगों के सम्पर्क में आयेंगे तो क्या गाँव जिला को संक्रमण मुक्त रख पाना सम्भव हो सकेगा?
     ताजा उदाहरण जनपद पंचायत लखनादौन की ग्राम पंचायत बाबली का है! इसके एक प्रमुख गाँव रहलोन कला में कल सुबह ग्राम के 5 प्रवासी मजदूर पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर से आये हैं! अंतर्राज्य चेकपोस्ट खवासा के बाद स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र धूमा में इनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई है! इसके बाद इन्हें ग्राम के शासकीय स्कूल में कुछ देर रखा गया! फिर आवश्यक खानापूर्ति के बाद रोजगार सहायक देवीलाल उईके एवं  गणेश झारिया की अनुमति से इन लोगों को घर जाने दिया गया! इसकी जानकारी मिलने पर द लोकनीति संवाददाता ने ग्रामीणों से जानकारी जुटाई तो पता चला कि रहलोन कला के ग्रामीण काफी जागरुक हैं, और वो चाहते हैं कि बाहर से आये व्यक्तियों को सीधे गाँव में प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिये! ग्राम के युवा प्रकाश उइके, सन्तकुमार झारिया सहित अन्य लोगों का कहना है कि गाँव को सुरक्षित तथा संक्रमण मुक्त बनाये रखने के लिये इनको कोरेण्टाइन/आइसोलेशन के नियमों का पालन करना चाहिये! बाहर से आये व्यक्तियों मदन यादव, जगन झारिया ने बताया कि हम सबसे पहले गाँव के स्कूल में रुके थे! भोजन भी घर से बुलवाया गया था, हम कोरेण्टाइन रहना चाहते हैं, परन्तु सुविधायें न मिलने और अनुमति के आधार पर हम अपने घर चले गये! वहीं रोजगार सहायक देवीलाल उईके इनको होम आइसोलेशन में रहने की शर्तों के साथ निर्धारित प्रपत्र पर पावती के साथ अनुमति देने की बात स्वीकारते हैं.
      ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या ये लोग होम आइसोलेशन में रहकर नियमों का पालन करेंगे? क्योंकि ग्रामों में जीवन सामाजिक होता है, लोग लगातार सम्पर्क में आते हैं, इस स्थिति में क्या बाहर से आये ये लोग अपने को बाकी ग्रामीणों के सम्पर्क में आने से बचायेंगे? इनकी सामाजिक गतिविधियों की निगरानी कौन करेगा?
स्वास्थ्य जाँच के नाम पर केवल इनकी थर्मल स्क्रीनिंग ही हुई है, क्या केवल ये आधार इनको ग्राम, घर में प्रवेश देकर सामान्य सम्पर्क की छूट देने के लिये काफी है! अब तक सिवनी जिला प्रशासनिक कड़ाई, जनजागरुकता के चलते संक्रमण मुक्त है! क्या ऐसी छूट जिले को अपनी संक्रमणशून्य छवि को बरकरार रखने   सहायक होगी? अभी तो महज शुरूआत है, अभी भी जिले के अधिकांश लोग बाहर आनेवाले हैं! प्रशासन एक तरफ तो लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले स्थानीय लोगों पर सख्त है, लेकिन दूसरी ओर रेड जोन से आनेवालों को ग्राम में प्रवेश देना क्या सही है?

    इस विषय पर  पंचायत लखनादौन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शफी मोहम्मद कुरैशी का कहना है कि:-
    “कलेक्टर महोदय का आदेश है कि बाहर से आने वाले व्यक्तियों को अलग कोरेण्टाइन में न रखा जाये, इनको घर जाने दिया जाए.अपने घर में इन्हें पालन करना है.”

 होम आइसोलेशन के लिए सिवनी कलेक्टर का नया आदेश :- 

 इन प्रपत्रो के आधार पर दी जा रही है अनुमति:-

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