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नई दिल्ली: दुष्यंत, किसान या कुर्सी ?

नई दिल्ली: दुष्यंत, किसान या कुर्सी ?
नई दिल्ली/राजकमल पांडे।
हरियाणा के किसान एमएल खट्टर सरकार की कुर्सिया हिला दी है, यहां तक खट्टर सरकार ने किसानों को रोकने हेतु सड़क तक खोद डाले बावजूद इसके किसानों को रोकने में असफल ही रहे. परिणाम यह हुआ कि हरियाणा के किसानों ने और उग्र रूप धारणा दिल्ली दरबार को घेर लिया है। और अब किसानों के तरफ से आवाज उठने लगी है कि दुष्यंत, किसान या कुर्सी ? जिसको लेकर सुबह से ट्विटर पर ट्रेन्ड चल रहा है. वहीं एक रिपोर्ट सामने निकल कर आया है कि कटिहार के माईलबासा में एक स्टोरेज वर्ष 2019 में बनाया गया है. जिसको अडानी ग्रुप की तरफ से बनाए जा रहे हैं। जिसको इकाॅनामी टाइम्स ने भी वर्ष 2019 में पीटीआई के हवाले से प्रकाशित किया गया था. उस खबर के अनुसार फूं्रड कारपोरेषन आॅफ इण्डिया ने अडानी ग्रुप से करार किया है। 80 करोड की लागत से पंजाब और हरियाणा में दो साइलोस बनाने का जिक्र है, जिसमें 75 हजार टन गेंहू का भण्डारन किया जाएगा. हालांकि उक्त रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि इसका स्वामित्व एफसीआई के पास रहेगा अपितु चिंता का विषय यह है कि उसे चलाने, संभालने और रखरखाव का जिम्मा अडानी ग्रुप करेगी. बदले में सरकार 30 साल तक किराए की गारंटी देगी। अब बडा सवाल यह है कि बिहार सरकार यह स्पष्ट करे की किसानों  को भण्डारन व्यवस्था का लाभ कैसे मिलेगा. जब वहां के किसानों को न्यूतम समर्थन मूल्य का लाभ नही मिल रहा है तो भण्डारन से कैसे मिलेगा। वहीं किसानों की मांग है कि एमएसपी को कानूनी बनाया जाए। अब दुष्यंत चौटाल पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या किसान का बेटा किसान का साथ देगें या अपनी कुर्सी बचाऊ अभियान में और नेताओं की तरह मुंह छुपाएंगे। इसलिए आज का सवाल है-‘‘दुष्यंत किसान या कुर्सी ?’’

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