मध्यप्रदेश/ जबलपुर(Jabalpur) – : महात्मा गांधी(Mahatma gandhi) राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा (Manrega) होते हुए इतनी बड़ी संख्या में संभाग के सभी जिलों से मजदूर दूसरे जिलों या राज्य में मजदूरी करने क्यों गए? खासतौर से आदिवासी जिलों के हजारों मजदूरों का घर से जाना रोजगार के लिए हुआ।अब वापस आने वाले मजदूरों का अब क्या होगा। इस बारे में बड़ा निर्णय लिया गया है।
संभाग आयुक्त महेशचंद्र चौधरी(Maheshchandra chaudhari) ने संभाग के सभी 8 जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वह पलायन कर वापस लौटे मजदूरों के जॉब कार्ड की जांच की जाये। यदि उनके जॉब कार्ड निष्क्रिय हो गए हैं, तो उन्हें फिर सक्रिय किया जाए। जिस कारण मजदूरों को घर वापसी के बाद भी रोजगार मिल सके।
इसकारण से निष्क्रिय हुऐ कार्ड
संभाग आयुक्त को सभी जिलों के निरीक्षण में यह पता चला है कि जो मजदूर दूसरे जिलों या राज्य मजदूरी के लिए जाते हैं, उन्हें यहां भी रोजगार मिलता है, लेकिन कार्य दिवस कम होने के कारण से वह पलायन कर जाते हैं। तब उनके जॉब कार्ड निष्क्रिय मान लिए जाते हैं, लेकिन अब ऐसे सभी कार्ड को सक्रिय किया जाएगा। अब निष्क्रिय कार्ड की संख्या का आंकड़ा निकाला जाएगा। जिला स्तर पर बाहर से आने वाले मजदूरों का डाटा भी अलग से संग्रहित किया जाने लगा है।
महेशचंद्र चौधरी, संभाग आयुक्त