राष्ट्रीय स्तर का तैराक है पटना का चाय वाला

राष्ट्रीय स्तर का तैराक है पटना का चाय वाला

राष्ट्रीय स्तर के एक तैराक गोपाल यादव चाय बेचने पर मजबूर है जी हां,ढेरों पदक जीतने के बाद भी गोपाल को नौकरी सिर्फ इसलिए नही मिली क्योंकि उनके पास बड़े अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए पैसे नही थे जिससे थक हार के उन्होनें परिवार का पेट पालने के लिए चाय की दुकान खोल ली। बता दें कि गोपाल ने अपनी चाय की दुकान का नाम नेशनल तैराक टी स्टॉल रखा है. गोपाल ने बताया कि उन्होंने कई जगहों पर नौकरी के लिए आवेदन किया लेकिन सभी को रिश्वत चाहिए थी, जिसकी वजह से उन्हें नौकरी नहीं मिल पाई. राष्ट्रीय स्तर के कई पदक जीत चुके गोपाल यादव पटना के काजीपुर इलाके में एक छोटी सी दुकान में चाय बेचने को मजबूर हैं.

 

 

 

बेटों ने छोड़ दी तैराकी

गोपाल के बताया कि उनके बच्चे भी अच्छा तैरना जानते है, लेकिन उन्होंने अपने पिता की स्थिति को देखकर तैराकी छोड़ दी. गोपाल ने कहा कि उन्हें अपने अंदर के तैराक को जिंदा रखा है, इसलिए अब गंगा नदी में तैराकी सिखा रहे हैं.खैर गोपाल की स्थिति को देखते हुए इस बात का पता चलता है कि देश में एथलिटों की ये दशा है कि उन्हें सड़क किनारे टी स्टॉल खोलकर चाय बेचनी पड़ रही है.

 

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