नागालैंड "अशांत" और "खतरनाक", गृह मंत्रालय ने 6 महीने के लिए बढ़ाई AFSPA की अवधि

नागालैंड से खाईद जौहर – नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ जारी देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और पूर्वोत्तर राज्यों में हुई हिंसा को देखते हुए नागालैंड में आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) को छह महीने के लिए और बढ़ा दिया गया हैं। ये फैसला गृह मंत्रालय ने लिया हैं। दरअसल गृह मंत्रालय ने AFSPA की धारा 3 के तहत नागालैंड में अशांत और खतरनाक स्थिति बताते हुए सुरक्षा को ध्यान में रहते हुए इसको बढ़ाने का फैसला लिया हैं। अब यह अगले साल जून तक प्रभावी रहेगा।
बता दे कि नगालैंड में लगातार अफ्सपा लागू रखने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि लूट और अपराधों की वारदातें कम होने का नाम नहीं ले रहीं थीं। इसलिए सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून, 1958 की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने नागालैंड को 30 दिसंबर 2019 से 6 माह की अवधि के लिए अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया हैं।
गौरतलब इस कानून को खासतौर पर पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बनाया गया था। खास बात यह है की आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट नगालैंड में कई दशकों से लागू हैं। सन 1958 में संसद ने 'अफस्पा ' यानी आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट लागू किया था। इसे अशांति वाले इलाकों में लागू किया जाता हैं।
बता दे कि अफस्पा एक्ट के तहत सैन्य बल किसी भी संदिग्ध को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकता है, किसी भी घर या वाहन की तलाशी ले सकता हैं।