मेरी उम्र 70 के पार हो गई, लेकिन मैं तो खुद को बूढ़ा नहीं मानता, शायद सिंधिया बूढ़ा बताकर BJP से कुछ मांगना चाहते हैं : डॉ. गोविंद सिंह
भोपाल : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘महात्मा गांधी की हत्या में नाथूराम गोडसे ने जिस रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया था, वह ग्वालियर स्टेट की थी।’ हालही में “दैनिक भास्कर” को दिए इंटरव्यू में उन्होंने यह आरोप लगाए। साथ ही सवाल किया कि ‘ये रिवॉल्वर हत्यारे तक कैसे पहुंची, किसने दी? इसका जवाब देश की जनता चाहती है।
जानें दैनिक भास्कर ने डॉ. गोविंद सिंह से और क्या क्या सवाल किए
सवाल : सिंधिया ने हाल ही में बयान दिया है कि जब मैं कांग्रेस में था तब भी खुजली होती थी, पर अब बीजेपी में आ गया हूं फिर भी खुजली हो रही है। किसको हो रही है खुजली?
जवाब : उन्हें खुजली होती होगी, मुझे तो यह भी पता नहीं कि खुजली होती क्या है? राजनीति में ऐसी बात करना ठीक नहीं है। उनकी लोकप्रियता का वीडियो वायरल हुआ था, वे गुना के उमरी गांव गए थे। यह पूर्व मंत्री व सिंधिया के अनुयायी शिव प्रताप सिंह का गांव है। वहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए जा रहे हैं कि सिंधिया जी की सभा में भीड़ जुटानी है। एक जैसी साड़ी पहनकर नहीं आने का दबाव डाला गया। यदि वे लोकप्रिय हैं, तो फिर यह सब क्या है?
सवाल : ज्योतिरादित्य सिंधिया के BJP में जाने के बाद कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती चंबल ग्वालियर संभाग है। अब सारा दारोमदार आप पर है। इस चुनौती से कैसे निकलेंगे?
जवाब : सिंधिया को मीडिया वाले महत्व देते हैं। जनता में उनका प्रभाव नहीं है, होता तो उपचुनाव में ग्वालियर संभाग में कांग्रेस के विधायक ज्यादा कैसे जीत गए? अगर उनका प्रभाव होता, तो वे गुना से उनके प्रतिनिधि रहे केपी यादव (बीजेपी सांसद) से सवा लाख वोट से क्यों हार गए? 2013 के चुनाव में उनके संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस 8 सीटें क्यों हार गई थी? उनके जाने से कांग्रेस में सफाई हो गई। जो व्यक्ति स्वयं जीत कर पार्टी को हराने का काम करता था, वह पार्टी से चला गया।
सवाल : क्या वजह थी कि सिंधिया को कांग्रेस छोड़नी पड़ी? कमलनाथ सरकार में उनकी उपेक्षा हुई, ऐसा उनके समर्थकों का कहना है। आप क्या मानते हैं?
जवाब : मैं तो मानता हूं कि यह सिंधियाजी के खानदान का दोष है। जब 1857 में महारानी लक्ष्मीबाई आजादी का आंदोलन कर रही थीं, उस समय सिंधिया खानदान साथ दे देता तो देश 90 साल पहले आजाद हो जाता। सिंधिया खानदान ने अंग्रेजों का साथ दिया। यह मैं नहीं कह रहा। यह इतिहास है। जब मैं पांचवीं में था, तो पढ़ा था- अंग्रेजों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी… मेरे पास ऐसा प्रमाण नहीं है, लेकिन ग्वालियर (सिंधिया) को जवाब देना चाहिए। महात्मा गांधी की हत्या जिस रिवॉल्वर से हुई, वह ग्वालियर स्टेट की क्यों थी? वह हत्यारे तक कैसे पहुंची, किसने दी? इसका जवाब देश की जनता चाहती है। माधवरावजी सिंधिया पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ गए थे। उन्होंने विकास कांग्रेस बनाई थी।
सवाल : हाल में सिंधिया ने बयान दिया कि अब मैं बूढ़ा हो रहा हूं। हालांकि दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया जरूर दी है, लेकिन आप क्या मानते हैं?
जवाब : उन्हें निराशा है। मन में कुंठा है। वे कम उम्र में सब कुछ चाहते हैं। मुझे लगता है कि वे अपने आप को बूढ़ा बताकर बीजेपी से कुछ मांगना चाहते हैं। मेरी उम्र 70 के पार हो गई है, लेकिन मैं तो खुद को बूढ़ा नहीं मानता। हम तो सुबह से शाम तक जनता के बीच में रहते हैं। मुझे तो लगता है कि जैसे मैं 30-40 साल के नौजवान की तरह काम कर रहा हूं।
नोट : ये खबर “दैनिक भास्कर” से ली गई है।