मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की जांच होनी चाहिए: सुब्रमण्यम स्वामी

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की जांच होनी चाहिए: सुब्रमण्यम स्वामी

अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पुनर्विचार याचिका दायर करेगा.बोर्ड के इसी फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने तंज कसा है और उन्होंने सवाल पूछा कि क्या प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य अब पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे वैध मुस्लिम संगठनों के प्रमुख सदस्य बन गए हैं? गृह मंत्रालय को इसकी जांच करनी होगी.

क्या है पूरा मामला

 

Have banned SIMI’s members now becoming prominent members of legitimate Muslim organisations such as Personal Law Board? Home Ministry needs to check

— Subramanian Swamy (@Swamy39) November 18, 2019

 

दरअसल AIMPLB ने रविवार को अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करने का ऐलान किया. इसके अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फैसला किया है कि वह मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ भूमि को वैकल्पिक स्थल के रूप में स्वीकार नहीं करेगा क्योंकि यह इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है.

जफरयाब जिलानी का क्या है कहना

AIMPLB के वरिष्ठ सदस्य व अखिल भारतीय बाबरी मस्जिद

एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि यह मामला सभी मुसलमानों की ओर से अदालत में दायर किया गया था और बोर्ड समुदाय की भावनाओं का प्रतिनिधित्व कर रहा है, जो अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग और समीक्षा याचिका दायर करना चाहता है.

जिलानी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वरिष्ठ वकील राजीव धवन उनके वकील के रूप में बोर्ड का पक्ष रखना जारी रखेंगे और वे नौ नवंबर को आए फैसले के 30 दिनों के भीतर याचिका दायर करने का प्रयास भी करेंगे.

 

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