MP:स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान के बाद बुर्का पहन मुस्लिम लड़कियों ने खेली क्रिकेट और फुटबाल
भोपाल:- मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार के हिजाब पर बैन लगाने का बयान अब विवादों में आ चुका है. मध्यप्रदेश में विरोध में मुस्लिम लड़कियों ने हिज़ाब और बुरका पहनकर फुटबाल और क्रिकेट मैच खेलकर विरोध प्रदर्शन किया.
मंगलवार को प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा था कि – प्रदेश में अगर कोई हिजाब पहनकर स्कूल आता है तो इस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। हिजाब स्कूली यूनिफार्म का हिस्सा नहीं है, जिसे पहना है वह अपने घर में इसे पहने। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में आगामी शिक्षा सत्र से स्कूलों में नया ड्रेस कोड लागू किया जाएगा
इतना ही नहीं मंत्री सिंह ने ये भी कहा था कि “हम स्कूलों में समानता और अनुसाशन का पालन करवाने के लिए नए ड्रेस कोड पर विचार कर रहे हैं। समाज में समानता जरूरी है। इससे स्कूलों की अलग पहचान बनेगी। उसके लिए हम सभी विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड तय करने जा रहे हैं। इस पर काम चल रहा है, आगे आने वाले कुछ दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
वहीं, मंत्री इंदर सिंह परमार के इस बयान पर प्रदेश में जमकर सियासत का दौर शुरू हो गया था। विपक्ष आक्रमण रूप में दखाई दे रहीं थी। विरोध बढ़ता जा रहा था। इसी बीच अब मंत्री सिंह ने अपने बयान पर यू-टर्न ले लिया है। अब उनका एक और नया बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा की – फिलहाल मध्य प्रदेश के स्कूलों में कोई नया ड्रेस कोड लागू नहीं होगा और ना ही सरकार इस पर कोई विचार कर रही है। उन्होंने कहा मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है, क्लास में समानता के लिए मैंने ड्रेस कोड की बात कही थी। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्कूलों में परंपरागत चालू ड्रेस कोड ही चलेंगे।
जबकि, हिजाब मामले में आ रहे अलग-अलग बयानों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज ने भी कैबिनेट बैठक में नाराजगी जाहिर की। उन्होंने मंत्रियों से कहा भी किसी भी प्रकार के कंट्रोवरसियल बयान न दें।
इधर, कांग्रेस के कद्दावर नेता पीसी शर्मा ने भी ट्वीट करते हुए सरकार और उनके मंत्री पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा की – भाजपा सरकार के मुखिया और उनके मंत्रियों पर यह कहावत सटीक बैठती है कि… लौटके बुद्धू घर को आये… मप्र शांति का टापू है इसे अशांत करने वालों को अक्ल आई यह सकारात्मक है॥ शिवराज सरकार उनके मंत्रियों व उनके बड़बोले विधायकों को भी यह समझना चाहिए कि मप्र को शांति बनी रहे