भीलों की आर्थिक विपन्नता का एक मुख्य कारण आय से अधिक व्यय करना है : MPPSC
Bhopal News :- मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग आजकल अपने कामो को लेकर चर्चा में बना हुआ है|ज्ञात हो कि लोक सेवा आयोग ने 12 जनवरी को अपनी परीक्षा आयोजित करवाई थी।इसी परीक्षा में एक प्रश्न भील जनजाति के ऊपर था जिसको लेकर अब बवाल मच गया है।यहाँ तक की इसे लेकर जिम्मेदारों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग भी उठने लगी है। व्यापम घोटाले के व्हिसल ब्लोअर डॉ आनंद राय ने ट्वीट कर एट्रोसिटी एक्ट के तहत मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की सचिव रेणु पंत और लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के विरुद्ध नामजद एफ आई आर दर्ज करने की मांग की है। वहीँ पंधाना विधायक राम डांगोरे ने कहा सरकार और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इस ग़लती के लिए मांफी मांगें।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार एक प्रश्न के लिए दिए गद्यांश में भील जनजाति के रहन-सहन और उनके तौर तरीकों को विकृत रूप से दर्शाया गया था| जो की कुछ यूँ है –
“भील एक निर्धन जनजाति है।इनका मुख्य व्यवसाय कृषि है। इसके अतिरिक्त खेतों में मजदूरी पशुपालन जंगली वस्तुओं का विक्रय तथा शहरों में भवन निर्माण में दिहाड़ी मजदूरी पर काम कर अपनी जीवन नईया चलाते हैं। भीलों की आर्थिक विपन्नता का एक मुख्य कारण आय से अधिक व्यय करना है। भील शराब के अथाह सागर में डूबती जा रही जनजातीय ऊपर से साहूकारों और महाजनों द्वारा दिए गए ऋण का बढ़ता ब्याज इस समंदर में बवंडर का काम करता है। जिसके कुचक्र से यह लोग कभी बाहर नहीं निकल पाते। भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का भी एक मुख्य कारण है कि सामान्य आय से अपनी देनदारियां पूरी नहीं कर पाते। फलतः धन उपार्जन की आशा में गैर वैधानिक तथा अनैतिक कामों में भी लिप्त हो जाते हैं।”
पंधाना विधायक राम डांगोरे ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
पंधाना विधायक राम डांगोरे ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग से लेकर कमलनाथ सरकार तक पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रश्न पत्र के गद्यांश में जिस तरह से भील समुदाय के जीवन चक्र का उल्लेख किया गया है वह काफी शर्मिंदगी से भरा हुआ है। इतना ही नही इससे संबंधित जो वस्तुनिष्ठ प्रश्न दिए गए हैं। वह भी भील समुदाय को अपमानित करने वाला प्रश्न है।पंधाना विधायक राम डांगोरे खुद भी परीक्षार्थी के रूप में शामिल थे। अब उन्होंने इसके लिए कमलनाथ के साथ-साथ मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग से भी मांफी मांगने की बात कही है।
एट्रोसिटी एक्ट के तहत लोक सेवा आयोग की सचिव रेणु पंत और लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के विरुद्ध नामजद FIR की जाए,इन मनुवादियो को तत्काल बर्खास्त किया जाए।इन दोनों मनुवादियो की नियुक्ति भाजपा/आरएसएस द्वारा की गई थी @CMMadhyaPradesh @OfficeOfKNath @DGP_MP @ChouhanShivraj @DGP_MP pic.twitter.com/tL7Y3Rk5k1
— Dr.ANAND RAI (@anandrai177) January 12, 2020 “>http://
एट्रोसिटी एक्ट के तहत लोक सेवा आयोग की सचिव रेणु पंत और लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के विरुद्ध नामजद FIR की जाए,इन मनुवादियो को तत्काल बर्खास्त किया जाए।इन दोनों मनुवादियो की नियुक्ति भाजपा/आरएसएस द्वारा की गई थी @CMMadhyaPradesh @OfficeOfKNath @DGP_MP @ChouhanShivraj @DGP_MP pic.twitter.com/tL7Y3Rk5k1
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