मप्र शीतकालीन सत्र : पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने जताई अप्पति, शिवराज सरकार को लेकर कह डाली ये बात
मध्यप्रदेश/ग्वालियर – मध्यप्रदेश में जारी कोरोना संकटकाल के बीच विधानसभा के शीतकालीन सत्र की घोषणा हो चुकी हैं। जिसके तहत मप्र में विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र 28, 29 और 30 दिसंबर को होगा। शिवराज सरकार के प्रस्ताव के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सत्र बुलाने की अनुमति प्रदान कर दी हैं।
इधर, विधानसभा के शीतकालीन सत्र की घोषणा के बाद से ही प्रदेश में बवाल मचा हुआ हैं। कांग्रेस के पूर्व मंत्री एवं दिग्गज नेता डॉ गोविंद सिंह ने इसपर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने तीन दिवसीय सत्र पर अप्पति जताई हैं। साथ ही शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा हैं।
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार के आठ महीने के कार्यकाल में पहला सत्र नौ मिनट चला, दूसरा सत्र डेढ़ घंटे चला अब ये तीसरा सत्र तीन दिन के लिए चलना चाहते हैं मैं तो अनुरोध करूँगा कि ये कम से कम 10 दिन का होना चाहिए।
पूर्व मंत्री ने आरोप लगाए कि पिछले आठ महीने के कार्यकाल में सरकार ने जमकर भृष्टाचार किया हैं। 5 रुपये का मास्क 50 रुपये में खरीदा है, कोरोना के नाम पर भृष्टाचार किया हैं। सरकार इसपर चर्चा से बचना चाहती हैं। इसलिए सत्र छोटा रखा है उन्होंने कहा शिवराज सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही हैं।
डॉ गोविंद सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि 3 दिन में जन समस्याओं पर चर्चा ही नहीं हो सकती, एक दिन तो सप्लीमेंट्री बजट में ही चला जाएगा। जबकि इस सत्र में कोरोना संकट, किसान समस्या और बेरोजगारी समस्या पर चर्चा होनी है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार समय कम देकर अपनी जिम्मेदारियों से बच रही हैं।