भोपाल : मप्र सरकार का MBBS की पढ़ाई हिंदी में कराने का संकल्प अब पूरा होने जा रहा है। गुरुवार को प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मंत्रालय में इस विषय पर अहम बैठक ली।
इस बैठक में डॉ. अपूर्व पौराणिक, डॉ. मनोहर भंडारी और डॉ. अमिताभ वर्मा ने प्रेजेंटेशन दिया। अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा निशांत वरवड़े, संचालक चिकित्सा शिक्षा जितेन्द्र शुक्ला सहित सभी मेडिकल कॉलेज के डीन और समिति के सदस्य बैठक में उपस्थित रहें। मंत्री विश्वास सारंग ने बैठक में कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे समय-सीमा में किया जाना है। इस कार्य में मध्यप्रदेश लीडर के रूप में काम कर रहा है, यह हमारे लिये गर्व की बात है।
वहीं, बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री विश्वास सारंग ने बताया की – भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष से हम हिंदी में भी एमबीबीएस के पाठ्यक्रम की शुरूआत करने जा रहे हैं। प्रथम वर्ष के तीन विषयों एनोटॉमी, फिज़ियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री का हम समानांतर किताबों का रूपांतरण करेंगे।
उन्होंने कहा कि, इसमें हमने व्यवहारिक पक्ष को भी ध्यान में रखा है, वो प्रचलित अंग्रेजी के शब्द जो आम भाषा में सभी के समझने में आसान है उनको हम देवनागरी लिपि में ही लिखेंगे। हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि एमबीबीएस के हिंदी पाठ्यक्रम का हम ऑडियो-विजुअल भी तैयार कर रहे हैं। यूट्यूब में भी यह उपलब्ध रहेगा।
मंत्री सारंग ने बताया की – वैज्ञानिक स्टडी यह कहती है कि मातृभाषा में अध्यन करने के परिणाम सुगम होते हैं। आज हम हिंदी में पाठ्यक्रम शुरू कर रहे हैं, मुझे उम्मीद है कि देश के बाकी हिस्सों में भी उनकी मातृभाषा में यह आरंभ होगा। यह एक समानांतर व्यवस्था है, जिससे हमारे छात्रों को सहायता मिलेगी
उन्होंने आगे बताया कि पाठ्यक्रम के अध्यायों का रूपांतरण करने के लिये हमने प्रथम वर्ष का कैलेंडर तैयार किया है। यह एक चुनौतीपूर्ण और महत्वकांशी निर्णय है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि देश में हम पहले राज्य होंगे जो हिंदी में एमबीबीएस के पाठ्यक्रम को लागू करेगा।