मध्यप्रदेश/इंदौर – एक लंबे घमासान के बाद गुरुवार को शिवराज कैबिनेट का विस्तार हो गया हैं। शिवराज कैबिनेट में कई नए चेहरों को मौका दिया गया हैं। जबकि भाजपा के कई दिग्गजों का पत्ता कट गया हैं।
दरअसल, कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए लोगों को एडजस्ट करने में भाजपा के कई दिग्गजों को मंत्री पद नहीं मिला। यहीं कारण है कि अब भाजपाईयों में नाराज़गी का माहौल बना हुआ हैं।
मामला इंदौर का हैं। चौथी बार में भी इंदौर शहर से किसी को मौका नहीं दिया गया, जबकि विधायक रमेश मेंदोला और महेंद्र हार्डिया बड़े दावेदारों में से एक थे। हालांकि पहले यहां से तुलसीराम सिलावट को मंत्री बनाया गया, जबकि गुरुवार को उषा ठाकुर को मंत्री बनाया गया।
इसी पीड़ा को लेकर कल पांच नंबरी भाजपाई दीनदयाल भवन जा पहुंचे। कहना था कि अच्छा सिला दिया सपनों के शहर को। किसी को भी मंत्री बना देते तो कार्यकर्ता को लगता कि उनकी सुनवाई करने वाला शहर में कोई है?
चर्चा के दौरान इनका कहना था कि नगर की विधानसभाओं के साथ लगातार ये अन्याय क्यों हो रहा है? कार्यकर्ताओं को किस बात की सजा दी जा रही हैं।
इतना ही नहीं, शाम को सुमित हार्डिया नामक युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने आत्मदाह की घोषणा कर दी। हालांकि, बाद में समझाईश के बाद इन्हें रोका गया। बरहाल ये कहना गलत नहीं होगा कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा में असन्तुष्टि का माहौल बना हुआ हैं। जबकि सीएम शिवराज सहित अन्य दिग्गजो का कहना है कि भाजपा में सब कुछ ठीक हैं।