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पहले लिए जाते थे अश्लील फोटो, फिर होटल में बनाई जाती थी सीडी ….. पढ़िए हनी ट्रैप की पूरी कहानी!
भोपाल – मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में अब तक कई राज़ खुल चुके हैं। जबकी कई राज़ ऐसे है जो धीरे धीरे खुल रहे हैं। इस मामले की चार्जशीट (Chargesheet) भी आ चुकी हैं। जिसके इस मामले से जुड़े कई और राज़ सामने आ गए हैं। इस चार्जशीट में हसीनाओं के मायाजाल की पूरी कहानी हैं। ये किस तरह लड़कियों को फसाती थी, और किन अधिकारियों से किस तरह पैसे निकलवाती थी, इस बात का भी खुलासा हुआ हैं।
जानकारी के मुताबिक, जिस किशोरी को मानव तस्करी का शिकार बनाया गया, उसने आरोपी महिलाओं के मायाजाल की पूरी कहानी बयान कर दी हैं।
तो आइए जानते है किस तरह फसाया जाता था लोगों को इस ट्रैप में!
- हनी ट्रैप गैंग की आरोपी महिला श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्लिन जैन, आरती दयाल और बरखा सोनी अपने ड्राइवर अभिषेक ठाकुर की मदद से करते थे ये काम।
- लड़कियों को आर्थिक मदद के साथ महंगे लाइफ स्टाइल का झांसा दिया जाता था।
- आरोपी महिलाओं का ड्राइवर अभिषेक ठाकुर इन लड़कियों पर नजर रखता था और यही लड़कियों को आरोपी महिलाओं से मिलवाता था।
- अभिषेक के झांसे में आने के बाद लड़कियों को गैंग की आरोपी महिला आरती दयाल से मिलाया जाता था।
- आरोपी आरती दयाल झांसे में आई लड़कियों को अयोध्या नगर स्थित अपने फ्लैट में रखती थी।
- इसके बाद उन लड़कियों को समझाया जाता था कि यदि पैसे वाले हमारा या हम जैसी औरतों का दैहिक शोषण करते हैं तो उनको ब्लैक मेल कर उनसे पैसा लेना कोई गलत काम नहीं हैं।
- होटलों के अलावा अयोध्या नगर स्थित आरती दयाल के फ्लैट पर ग्राहकों को फंसाने के लिए बुलाया जाता था।
- गैंग के झांसे में आई पीड़ित किशोरी जैसी कई लड़कियों के पहले अश्लील फोटो लिए जाते थे।
- इन फोटो को फिर बड़े लोगों को फंसाने के लिए भेजा जाता था।
- फोटो के जरिए शिकार खुद गैंग के पास पहुंच जाता था।
- फिर होटल में इन बड़े लोगों की सीडी बनाई जाती थी।
- आरोपी श्वेता को पता होता था कि कौन सा अधिकारी वीडियो बनने के बाद डर जाएगा और आसानी से पैसा दे देगा।
- आरती से वीडियो लेने के बाद श्वेता वह वीडियो एक पत्रकार को दे देती थी, पत्रकार ही पैसों का पूरा सेटलमेंट कराता था।
बता दे कि हनी ट्रैप गैंग की शिकार हुई किशोरी के बयान के अनुसार ये पूरी कहानी सामने आई हैं।