सशक्त नेता को प्रणाम, मैं भी उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं, भारत रत्न को नमन – शिवराज सिंह

भोपाल – पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की 95 वीं जयंती को भारतीय जनता पार्टी ने सुशासन दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया है। इसके साथ ही साथ उन्हें याद करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने उनके अलग-अलग पहलुओं और अलग-अलग बिंदुओं पर अपने विचार व्यक्त किए।
आइए देखते हैं अटल जी की 95 वी जयंती पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विचार :-
उनके व्यक्तित्व पर :-
अटल जी देश के ऐसे नेता हैं,जो करोड़ों-करोड़ लोगों के आदर्श व प्रेरणास्रोत हैं। मैं भी उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। उनके क्रांतिकारी विचारों को आत्मसात कर उनके दिखाए मार्ग पर चलकर देश के नव निर्माण में अपना सम्पूर्ण योगदान देने के लिए संकल्पित हूं। भारत रत्न को नमन।
उनके संघर्ष पर :-
विचारों के धनी अटल जी आज़ादी के पहले अंग्रेजों से लड़ते हुए और आज़ादी के बाद आपातकाल में भी जेल गए, लेकिन विचारों से कभी समझौता नहीं किया। उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक और उपयोगी हैं। धन्य है भारत की धरती, जिस पर अटल जी जैसे महान व्यक्तित्व ने जन्म लिया।
अटल जी ने प्रधानमंत्री रहते हुए संवाद को हमेशा तरजीह दी। सवालों के जवाब दिये और विपक्ष को न केवल चुप कराया बल्कि तथ्यों से अवगत कराकर उन्हें अपने साथ भी कर लिया। उनकी इस अद्भुत शैली को नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी आत्मसात कर आगे बढ़ा रहे हैं।
वैश्विक स्थिति में :-
विश्व के कई देशों के आंखें दिखाने के बावजूद परमाणु विस्फोट कर भारत की शक्ति और दृढ़ निश्चय से संसार को अवगत कराने वाले मा. अटल जी कभी किसी के दबाव में नहीं आये और न ही उन्होंने स्वहित के लिए राष्ट्रहित के किसी मुद्दे पर समझौता किया। ऐसे सशक्त नेता को प्रणाम !
देश की नदियों को परस्पर जोड़ने के योदान पर :-
देश की नदियों को परस्पर जोड़कर जल की शक्ति को भविष्य के सशक्त भारत के निर्माण में लगाने का सपना देखने वाले भविष्यद्रष्टा, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी के चरणों में प्रणाम। आप युगो- युगों तक राष्ट्र उत्थान के लिए हम सबको सतत प्रेरित करते रहेंगे।
यह सम्पूर्ण विचार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 95 वीं जयंती पर व्यक्त किए हैं।