रायसेन में शिक्षा के हाल बेहाल, झोपड़ी में पढ़ने पर मजबूर छात्र, जानिए पूरा मामला

- अधर में लटका बच्चो का भाविष्य व प्राथमिक शाला शंकरगढ़ स्कूल भवन का निर्माण
- पिछले शासनकाल में भाजपा नहीं बनवा सकी शंकरगढ़ में प्राथमिक शाला
- अब कांग्रेस की कमलनाथ सरकार से आस
रायसेन से अमित दुबे की रिपोर्ट – भले ही सरकार शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा को लेकर स्कूली बच्चों के लिए हर सुविधा मोहिया कराने की बात तो कहती है। लेकिन ग्रामीण अंचलों में स्कूली बच्चे शिक्षा से जुड़ी सुविधा से वंचित रह जाती हैं।
ऐसा ही एक मामला सुल्तानपुर क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत बेरखेड़ी कला के गांव शंकरगढ़ से सामने आया हैं। यहां पिछले 15 सालों से स्कूल भवन ना होने के कारण बच्चे एक टूटी झोपड़ी में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। वही बच्चों का कहना है कि हमारे गांव में पक्का स्कूल ना होने के कारण कच्चे झोपड़ी में पढ़ाई करनी पड़ती है और बारिश के समय हमारी किताबें गीली हो जाती हैं।
वहीं ग्रामीणों ने भी विधायक सुरेंद्र पटवा को इस विषय से अबगत कराया गया, जिसके विषय में ग्रामीणों कहना है कि पिछले 15 वर्षों से इस क्षेत्र पर सुरेंद्र पटवा राज करते आ रहे हैं। लेकिन हमने जब भी स्कूल भवन के बारे में बात कही तो उनका कहना है की बनवा दूंगा और चुनाव के समय 2 लाख रुपए स्कूल भवन के लिए देने का वादा भी किया। लेकिन आज तक हमें झूठा आश्वासन मिल रहा हैं। ग्रामीणों का कहना है कि भोजपुर विधानसभा क्षेत्र में साढ़े बारह गांव जो की स्वर्गीय पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा ने गोद लिया हुआ था। उनके जाने के बाद सुरेंद्र पटवा हमारे क्षेत्र में राज कर रहे हैं लेकिन उन्हें भी हमारे बच्चों के भविष्य कि कोई चिंता नहीं हैं।
वहीं, 15 साल का बनवास काटकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार के 1 साल पूर्ण होने पर भी स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभु राम चौधरी ने भी इस गांव स्कूल की सुध नहीं ली हैं।
सरकार तो बदल गई लेकिन इन बच्चों का भविष्य कब बदलेगा। कब मिलेगी स्कूल के बच्चों को उनके सर पर पक्की छत। क्या इन बच्चों की पढ़ाई ऐसे ही चलती रहेगी। अब देखना यह होगा कि कमलनाथ सरकार के शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी इस गांव में प्राथमिक शाला का भवन निर्माण करवा पाते हैं कि नहीं या यूं ही बच्चों को कच्ची झोपड़ी में ही अपनी प्राथमिक शाला की पढ़ाई करनी होगी। पिछले 15 वर्षों से राज कर चुकी भाजपा सरकार तो नहीं बनवा सकी। क्या अब कांग्रेस सरकार इस समस्या से बच्चों को निजात दिला पाएगी।
इनका कहना –
शंकरगढ़ के ग्रामीण शंकर सिंह ने कहा कि 15 सालों से अब तक स्कूल नहीं बन सका हैं। उन्होंने कहा कि पटवा के पास कई बार गए, उन्होंने बोले कि 2लाख दे रहे हैं लेकिन अभी तक नहीं मिले। जिले में भी गए और ब्लॉक में भी गए लेकिन कछु नहीं मिला।
इसके अलावा छात्रा कुमारी उषा ने कहा कि पक्का स्कूल नहीं है हम कच्चे मकान के स्कूल में पढ़ते हैं। वहीं, छात्र अंचल ने कहा कि बारिश में हमें दिक्कत आती है हमारी किताबें भीग जाती हैं पक्का स्कूल नहीं हैं।