MP:सरकारी अस्पताल में नहीं मिल रहे डाक्टर
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार उत्तम स्वास्थ व्यवस्था को लेकर लाख दावे करती है। लेकिन हकीकत में सारे वादे झूठे साबित होते जा रहे हैं। ऐसा ही मामला बैरागढ़ सिविल अस्पताल से सामने आया है, जहां गांधीनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी चिकित्सकों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। आबादी के मान से यहां कम से कम 10 चिकित्सक होने चाहिए, लेकिन यह संख्या कम होते-होते तीन तक पहुंच गई है। अस्पताल में एक भी महिला चिकित्सक नहीं है। एक समय इस अस्पताल में सात चिकित्सक हुआ करते थे। अस्पताल प्रबंधन ने उस समय मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए तीन अतिरिक्त डाक्टरों की पदस्थापना करने का आग्रह किया था, लेकिन पद बढ़ाना तो दूर स्वीकृत पद भी नहीं भरे जा रहे हैं। वर्तमान में यहां ब्लाक मेडीकल आफिसर सहित मात्र तीन डाक्टर हैं। अस्पताल में प्रतिदिन करीब 200 मरीज पहुंचते हैं। कई बार उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ता है। नर्सिग स्टाफ की भी कमी महसूस की जा रही है।
महिलाओं को नहीं मिल पाता इलाज
अस्पताल में महिला चिकित्सक नहीं होने से महिलाओं से संबधित गंभीर बीमारियों की जांच नहीं हो पाती। रहवासी शिव प्रसाद अहिरवार के अनुसार अस्पताल में डाक्टर समय पर नहीं पहुंचते। महिलाओं के लिए निजी क्लीनिक पर जांच कराना मजबूरी बन गया है। इलाके में इन दिनों वायरल एवं अन्य बीमारियां फैली हुई हैं। मरीज परेशान हैं। ब्लाक क्षेत्र में कई जगह झोलाछाप डाक्टर क्लीनिक खोलकर बैठे हैं। वहां जाकर मरीजों की परेशानी और बढ़ जाती है।
जनता की बात नहीं सुनी जा रही है
वहीं क्षेत्रीय पार्षद लक्ष्मण राजपूत ने बताया कि क्षेत्र में कहने को बड़ा अस्पताल है, लेकिन यहां सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। चिकित्सकों की संख्या एवं नर्सिग स्टाफ बढ़ाने के लिए हमने स्वास्थ्य मंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों से आग्रह किया है! लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जनता परेशान है।