भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर आने वाली 3 नवंबर को मतदान होने जा रहा हैं। जबकि 10 नवंबर को नतीजे आएंगे। दरअसल, कांग्रेस में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके 22 समर्थकों के इस्तीफ़े के बाद मार्च माह में प्रदेश से कमलनाथ सरकार गिर गई थी। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर सीएम शिवराज ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। और भाजपा की सरकार बनाई। वहीं, सरकार बनते ही कांग्रेस के तीन और विधायक भाजपा में शामिल हुए। जबकि टीम सीटें विधायकों के निधन के बाद से रिक्त हैं। यहीं कारण है कि अब 28 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं।
क्या कहता है समीकरण
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। जिसमें से भाजपा (BJP) के पास अभी 107 सीटें हैं। जबकि कांग्रेस (Congress) के पास 88 सीटें हैं।
बता दे कि भाजपा को बहुमत के लिए उसे 9 सीटों पर जीतना जरूरी हैं। वहीं, कांग्रेस को 28 सीटों पर जीत की जरूरत हैं। लेकिन अगर कांग्रेस मिली-जुली सरकार के बनाने की सोचती है तो उसे 21 सीटों पर जीत की जरूरत होगी।
बहुमत के आंकड़े से दूर होने पर सात बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों की भूमिका अहम हो जाएगी। वहीं विश्वस्त सूत्रों एवं राजनीतिक पंडितों का कहना है कि भाजपा की नौ सीटों पर हार तय हैं।