क्राइम कैपिटल बना भोपाल, सरकार सो रही, महिलाएं रो रहीं, रोज हो रहा है एक महिला का किडनैप

 

भोपाल: अपहरण के मामलों में 2018 की तुलना में 2019 में 27% बढ़ोत्तरी हुई है ये स्थिति तब है जब सरकार महिला अपराध को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।  2018 की तुलना में भोपाल में महिलाओं से जुड़े अपराध किडनैप, रेप, छेड़छाड़, दहेज हत्या, प्रताड़ना के मामलों में 8.17% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है। जनवरी से नवंबर 2018 के बीच इन अपराधों की संख्या 2706 थी और 2019 में इन अपराधों का ग्राफ 3009 पहुंच गया। महिलाओं की किडनैपिंग के मामलों में 27% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।  ये आंकड़े प्रदेश पुलिस के द्वारा दिए गए हैं।

प्रदेश में घटे, राजधानी में बढ़े अपराध
मध्य प्रदेश में 2018 के तुलना में 2019 में रेप के मामलों में कमी आई है, लेकिन प्रदेश की राजधानी भोपाल में महिला अपराधों में वृद्धि दर्ज की गयी है। 2018 में मध्यप्रदेश में रेप के 5353 मामले दर्ज हुए, जबकि 2019 में 20 नवंबर तक रेप के 4926 मामले दर्ज हुए। 2019 में 427 रेप की घटनाएं कम हुईं। प्रदेश में महिला अपराध कम हुए, लेकिन ये शर्मनाक है कि राजधानी भोपाल में इस तरह की स्थिति बढ़ रही है। यहां अपहरण, छेड़छाड़, रेप, दहेज हत्या, धमकी और प्रताड़ना जैसे अपराधों का ग्राफ बढ़ा है। पुलिस अधिकारी जरूर दावा कर रहे हैं, लेकिन आंकड़े हर बार इन दावों की पोल खोलकर रख देते हैं।


आंकड़े इस प्रकार हैं-

अपराध-       2017   2018   2019
किडनैपिंग-   276    343    434
रेप-             261    282    396
प्रताड़ना-      410     295   373
दहेज हत्या–  27       12     14
धमकी-       945    1190   1240

छेड़छाड़-        449    544    552

पुलिस की सफाई
भोपाल डीआईजी इरशाद वली ने माना है कि शहर में अपहरण के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा कि नाबालिग बच्चों के मामलों को पुलिस विभाग गंभीरता से लेता है। हम कार्रवाई करके बच्चों को छुड़ाते भी है। उन्होंने कहा की पुलिस बारीकी से जाँच करती है और लोगों को जागरुक करने का भी काम करती है। हमारी लगातार कोशिश है कि इन घटनाओं को कम किया जाए और हम सब इसी कोशिश में लगें हैं।

 

Exit mobile version