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MP : आर्थिक तंगी से परेशान होकर एक और अतिथि विद्वान ने मौत को लगाया गले, CM शिवराज ने साध रखी है चुप्पी

मध्यप्रदेश – मध्यप्रदेश में दमोह में उपचुनाव पर पूरी भाजपा सरकार फोकस कर रही हैं। फॉलन आउट अतिथि विद्वान परेशान है, पर इनकी कोई भी सुध नहीं ले रहा हैं। बीते करीब डेढ़ साल से फालेन आउट अतिथि विद्वान सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनकी सेवा में बहाल की जाए और साथ ही नियमितीकरण की भी मांग कर रहे हैं। बता दे कि अभी तक लगभग 450 से 500 अतिथि विद्वान सेवा से बाहर हैं। 

वहीं, आर्थिक समस्याओं से जुंझ रहे कई अतिथि विद्वान अब तक आत्महत्या कर चुके हैं। इसी बीच आर्थिकतंगी से लड़ते हुए एक और अथिति विद्वन ने आत्महत्या कर ली। समाज शास्त्र विषय के बीनागंज चाचौड़ा से फॉलन आउट अतिथि विद्वान डॉ राजेश दोहरे ने रविवार को आर्थिकतंगी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। 

सरकार की शोषण करी नीति के कारण अब तक कई अतिथि विद्वान मौत को गले लगा चुके हैं। सरकार बदलती रही नही बदली तो अथिति विद्वन की दशा। 

इधर, प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह ने फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर चुप्पी साध रखी हैं। अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष डॉ सुरजीत भदौरिया ने कहा कि हम सरकार से लगातार गुहार लगा रहे है, लेकिन सरकार हमारी बिल्कुल भी सुध नहीं ले रही हैं। एक एक कर आत्महत्या करने को फॉलेन आउट अतिथि विद्वान मजबूर हैं। उन्होंने कहा की बार-बार फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों को बरगलाने की कोशिश की जा रही हैं। मंत्री यह बात कहते हैं कि सब कुछ सीएम शिवराज के हाथ में हैं। जब तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आता तब तक कुछ नहीं हो सकता हैं। 
 

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