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Monsoon session 2020: देश के दोनों सदनों में ,सबसे पुरानी पार्टी क्यों है इतनी असहाय??

मौजूदा लोकसभा में उपसभापति पद शुरुआत से खाली है और ये पद विपक्ष के किसी नेता के खाते में जाता है. लेकिन विपक्ष और  कांग्रेस इस पद के चुनाव के लिए अभी तक दवाब नहीं बना पाई है.

नई दिल्ली भारती चनपुरिया की रिपोर्ट – : संसद के दोनों सदनों में राज्यसभा (Rajya sabha) व लोकसभा(Loksabha) में, कांग्रेस (Congres) कमज़ोर हुई है, ऐसा पहले कभी नही हुआ है. अब कहा जाता है की लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा भी पार्टी को नही है और कहा जाता है की राज्यसभा में किसी चुनाव (Elections) का मसला हो या फिर लोकसभा में, कांग्रेस दोनो जगहों में कमज़ोर दिखनी चालू हो गयी है.

अब देखना यह है की 14 सितम्बर को राज सभा के उपसभापति का चुनाव होना है. एनडीए(NDA) ने हरिवंश(Harivansh) को अपना उम्मीदवार बनाया है. परन्तु वहां पर कांग्रेस ने अपने सांसद को चुनाव में खड़ा करने की हिम्मत अभी तक नहीं जुटा पाई.बताया जाता है की पहले डीएमके सांसद त्रिची शिवा, फिर आरजेडी के डॉक्टर मनोज झा के नाम पर ही उनके पीछे हो लेने में खुद की भलाई है. आपको याद हो तो बता दे कि पिछली बार कांग्रेस ने इस चुनाव के लिए बी के हरि प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया था. परन्तु बीके हरि प्रसाद चुनाव हार गए थे. यह अगस्त 2018 में हुए चुनाव में एनडीए उम्मीदवार हरिवंश को सदन में 125 वोट मिले थे, और विपक्ष के उम्मीदवार बी के हरि प्रसाद को 105 वोट ही मिले थे. उस टाइम एनडीए के सामने कांग्रेस ने चुनौती जरूर खड़े करने की कोशिश की थी, जो की इस बार देखने को नही मिली है.

कांग्रेस के कमजोर होने का असर हाउस मैनेजमेंट है : –                                                                                                                                                                                                                                                                                            अब कहा ये जा रहा है की कांग्रेस के कमजोर होने का असर हाउस मैनेजमेंट भी अब साफ दिखता है.  फ्रंट में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस विपक्ष को एकजुट करने में नाकाम दिखती है.

आपको बता दे की संसद के ऊपरी सदन की नहीं है, लोकसभा में भी कांग्रेस की कमजोर रणनीति का सीधा फायदा सरकार को मिल रहा है. संख्या बल में कांग्रेस, बीजेपी के सामने काफी कमजोर है, परन्तु कई मौकों पर जहां पूरा विपक्ष मिलकर सरकार के सामने चुनौती खड़ा कर सकते है, वहां पर भी विपक्ष की एकजुट रखने में नाकाम साबित होती है.

 मौजूदा समय में लोकसभा उपाध्यक्ष पद अब भी है खाली : –

अब आप को बता दे की लोकसभा उपाध्यक्ष पद  मौजूदा लोकसभा में ये पद शुरुआत से खाली है और कहा जाता है की ये पद विपक्ष के किसी नेता के खाते में जाता है. परन्तु विपक्ष और कांग्रेस इस पद और इसके चुनाव के लिए अभी तक दवाब नहीं बना पाई है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इन मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को खत  लिखा है. लेकिन लोकसभा में विपक्ष के विखराव के कारण से कोई दवाब नही दिख रहा है.

 

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