नसबंदी के नाम पर किये गए पैसे खर्च,फिर क्यों नहीं हुई आवारा कुत्तों की संख्या कम?
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भोपाल – राजधानी में नगर निगम के द्वारा 85 वार्ड में सर्वे किया गया,जिसको पुआ करने में 4 महीने का समय लगा। जिसमें जोन दफ्तर के अधिकारी व कर्मचारी गणों को यह कार्य पुर्ण करने के लिए लगाया गया। जिसके द्वारा आवारा कुत्तों की गणना की गई सोमवार को यह रिपोर्ट निगम के अफसरों ने संभाग आयुक्त कल्पना श्रीवास्तव को सौंपी थी। जिसमें पशु चिकित्सक एसके श्रीवास्तव ने बताया कि शहर में कुल 11554 आवारा कुत्ते होने की जानकारी सामने आई हैं।
संभाग आयुक्त ने कर्मचारियों को दी चेतावनी
संभाग आयुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने इस मामले में विस्तार से जानकारी मांगी है। संभाग आयुक्त ने कहां की जब 11554 आवारा कुत्ते हैं तो हर साल 18000 आवारा कुत्तों की नसबंदी कैसे हो रही है ? अगर मान लिया जाए कि शहर में 80000 कुत्ते है तब भी 60000 का हिसाब की जानकारी क्यों नहीं दी गई।
नसबंदी के नाम पर इतने पैसे खर्च किए जा रहे हैं फिर भी आवारा कुत्तों की संख्या कम क्यों नहीं हो रही है ?
डीके राय ने दी जानकारी
पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डीके राय ने बताया कि कुछ समय से आवारा मवेशियों के पालन पोषण के लिए नई गौशाला बनाने का काम लगातार चल रहा है। पशुपालन विभाग ने आवारा कुत्तों का सर्वे जून में कराया था।
संभागायुक्त ने नगर निगम के अधिकारियों को सत्यापन कराने के सख्त निर्देश दिए हैं।
बैठक के फैसले
- संभागायुक्त एवं पशु चिकित्सक नगर निगम ने बैठक में लिए फैसले
- आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों और रहवासी क्षेत्रों से पकड़कर अलग रखा जाए।
- जिस वार्ड में आवारा कुत्तों की संख्या 100 से अधिक है वहां फिटिंग सेंटर बनाए जाए।
- नए वीसी सेंटर बनाए जाए।