Mission 2023 : MP पर दिल्ली की नज़र, राजनीतिक नियुक्तियों और सियासी जमावट ने दिया ये संकेत

मध्यप्रदेश/भोपाल – मध्यप्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी ने साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी हैं। दरअसल, मध्य प्रदेश में 2018 के चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस के मुकाबले कम सीटें हासिल कर सत्ता गंवा दी थी। लेकिन सिंधिया के दल बदलने के कारण बीजेपी की डेढ़ साल बाद ही सत्ता में वापसी हो गई। अब पार्टी 2023 के चुनाव में कोई गलती नहीं करना चाहती हैं।
यही कारण है कि अभी से आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी जमावट शुरु हो गई हैं। हाल ही में बीजेपी और कांग्रेस में हुई राजनीतिक नियुक्तियों और सियासी जमावट ने जता दिया है कि मध्य प्रदेश बीजेपी और कांग्रेस के लिए कितना महत्वपूर्ण हैं।
इधर, मप्र बीजेपी में अब दिल्ली का दखल तेजी के साथ बढ़ गया हैं। पार्टी ने हाल ही में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिव प्रकाश को मध्य प्रदेश का प्रभार सौंपा हैं। इसके अलावा पार्टी ने मुरलीधर राव को प्रदेश का प्रभारी बनाया हैं। राव के साथ ही पंकजा मुंडे और विश्वेश्वर को सह प्रभारी नियुक्त किया हैं। पार्टी के प्रभारी और सह प्रभारी अब जिलों का प्रवास कर कमजोर कड़ी मजबूत बनाएंगे।
इसके अलावा बीजेपी 2023 और उसके बाद होने वाले 2024 के आम चुनाव को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती हैं। यहीं कारण है कि साल 2018 के चुनाव से सबक लेते हुए इस बार बीजेपी ने नई रणनीति तैयार की हैं। जबकि मोदी और अमित शाह की नजर अब मध्यप्रदेश पर हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस में बीते 2 साल के बाद अब प्रदेश प्रभारी से लेकर सह प्रभारियों की सक्रियता तेजी के साथ बढ़ी हैं। दिल्ली के निर्देश पर कांग्रेस के महासचिव और प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक से लेकर सह प्रभारियों के बीच जिम्मेदारियों का बंटवारा कर अब दौरे कार्यक्रम तेज हो गए हैं। हाल ही में मुकुल वासनिक ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पहुंचकर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया। कांग्रेस पार्टी सह प्रभारियों के बीच अलग-अलग जोन का बंटवारा कर जिम्मेदारी सौंप चुकी हैं। मुकुल वासनिक का दौरा पूरा प्रदेश में है तो सह प्रभारियों के बीच जोन का बंटवारा हो गया हैं। पार्टी ने सह प्रभारी सुधांशु त्रिपाठी, संजय कपूर, सी पी मित्तल और कुलदीप इंदौरा को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी देकर सक्रियता बढ़ा दी हैं।