सिहोरा : सरकार के आदेश के खिलाफ कम रेट में धान खरीद रहे मिलर और सो रहा है प्रशासन

जबलपुर, सिहोरा

एक तरफ जहां समस्त देश कोरोना महामारी से जूझ रहा तो वहीं दूसरी तरफ इस देश के किसानों को नमन किया जाना चाहिए जिनके अन्न के बदौलत न जाने कितने लोग आज लॉकडाउन के बावजूद अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। लेकिन जब इन्ही किसानो पर व्यापारियों का अत्याचार बढ़ता जाए तो इस लॉकडाउन कि स्तिथि में वे क्या खायेंगे और कैसे जियेंगे। ताज़ा मामला जबलपुर के सिहोरा का है। यहाँ कुछ मिलर अपने मनमाने दामो पर धान कि खरीदी कर रहे हैं। जो धान पिछले वर्ष यानि कि 2019 में 1550 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचीं गई थी उसी का अब मिलर मात्र 1300 रूपये दे रहे हैं ऐसा क्यों? 

SDM से की शिकायत 

इसी विषय को लेकर आज जबलपुर किसान यूनियन के कुछ लोग सिहोरा एसडीएम के ऑफिस पहुंचे और उनको आवेदन दिया। आवेदन भी दिया आवेदन में लिखा गया,”किसानों ने अपने आवेदन में लिखा है कि पिछली बार जबलपुर जिलों के मिलरो ने 1500 रुपए क्विंटल के हिसाब से धान खरीदी थी जबकि इस बार तो इंडिया लेवल के सभी मिलर खरीद रहे। तो फिर इस बार यह मिलर किस हिसाब से 1300 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीद रहे हैं। एक वर्ष बाद महंगाई घटी या फिर बढ़ी। जबकि 2019 में सरकार ने धान 1750 रुपए प्रति क्विंटल खरीदी थी और 2020 में सरकार ने ₹1850 के हिसाब से धान खरीदी है। तो फिर मिलर किस हिसाब से धान का रेट इतना कम दे रहे हैं।

पिछले वर्ष का भी भुगतान बाकी 

यूनियन का कहना है कि वर्ष 2019 में जो धान मिलीरो को बेचीं गई थी उसका पैसा भी अभी तक किसानो को नहीं दिया गया है। ऐसे में कोई किसान इस संकट के स्तीथी में कैसे पालनहार बन पायेग्फा जब उसके साथ ही इतना अन्याय किया जा रहा हो।

मिलरों का कहना था कि धान की गुणवत्ता जिस हिसाब की थी उसी हिसाब से रेट लगाए गए हैं। इस पर किसान यूनियन द्वारा सुझाव दिया गया है यदि धान इतना खराब है तो भारतीय किसान यूनियन के 5 सदस्यों की टीम अधिकारियों के साथ बनाई जाए एवं जिस मिल में शासन की धान का चावल बनाया जाता है। उस मिल में जांच की जाए जिससे यह पता लगाया जा सके कि प्रति क्विंटल धान में कितना चावल निकल रहा और उसकी गुणवत्ता क्या है। उसके बाद यह लगाया जा सकता है कि धान किस रेट का है।

मिलरों के इस हरकत से जहां किसानो में आक्रोश और निराशा है तो वहीं यूनियन के लोगों ने मिलरों पर कारवाई कि मांग की है। साथ ही यह भी मांग कि गई है कि इनकी सीबीआई जांच करवाई जाए।

जबलपुर से संवाददाता पिंटू शुक्ला की रिपोर्ट 

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