कुक्षी :- डूब प्रभावित क्षेत्र में पहुंचकर "नर्मदा बचाओ आंदोलन" प्रमुख मेघा पाटकर ने ली बैठक

कुक्षी :- डूब प्रभावित क्षेत्र में पहुंचकर “नर्मदा बचाओ आंदोलन” प्रमुख मेघा पाटकर ने ली बैठक

कुक्षी / निसरपुर / मनीष आमले :- वैश्विक महामारी में भी हमने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया है चाहे वह लाकडाउन में मजदूरों के पैदल पलायन का हो , सेंचुरी के मजदूरों की लड़ाई हो , चाहे डूब क्षेत्र की समस्याओं की लड़ाई हो ,हमे संघर्ष जारी रखना है वही आगे भी छुटे हुए लोगो के  पुनर्वास के लाभ को लेकर संघर्ष हमको  एकजुट होकर लड़ाई जारी रखना है
यह हमारे हक की लड़ाई है हमने  वर्षों से अपने हक की लड़ाई लड़ते आए है जिससे  विगत तीन वर्षों में डूब के संघर्ष को तेज कर कई मांगे मनवाई है पर वर्तमान में सरकार हमसे सवाद ही नही कर रही है उक्त बाद नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेघा पाटकर ने निसरपुर में डूब में एक सभा में कही ।
इस वर्ष 5 माह बाद कूक्षी तहसील के डूब के गांवो में बेक वाटर भरने के बाद पहली बार नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेघा पाटकर डूब के गांवों में पहुची। 
निसरपुर के डूब क्षेत्र में रविवार को एक बैठक का आयोजन किया गया सभा मे एन बी ए के कार्यकरताओं ने भी संबोधित किया। सुरेश प्रधान,भारत प्रजापत,पवन यादव ने अपनी बात रखी इस दौरान बड़ी सख्या में डूब में लोग मौजूद रहे ।
 मेघा पाटकर ने डूब में इस साल इतनी देरी से आने का कारण यह बताया कि वे महाराष्ट्र में मजदूरों के हक की लड़ाई को लड़ रही थी वहां की सरकार को मजदूरो की मांगे माननी पड़ी उन्होंने कहाँ की वे हर समय डूब के लोगो की लड़ाई के साथ है साथ ही टिन शेड में जो  परिवार रह रहे है शासन ने उनका घर डुबो दिया है डूब से बाहर की गए अपनी कृषि भूमि में जाने वाले मार्ग में पानी भरने के कारण 15 किमी के घूम कर  किसान जा रहे है। प्रजापत समाज को उनके व्यवसाय के लिए ईट भट्टे के लिए जगह नही मिली है। वही जिन लोगो को डूब से बाहर किया गया है उनके लिए सरकार मूल भूत सुविधाए जैसे स्कूल आंगनवाड़ी अस्पताल रोड बिजली पानी परिवहन की व्यवस्था करे या नही तो डूब में मानकर उन सब को 5 लाख 80 हजार की राशि दे

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