देने चले थे अंडा, बीच में पड़ गया वित्त का डंडा,कैसे दूर होगा कुपोषण ?
* 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को एवं गर्भवती महिलाओं को अंडा खिलाना चाहती थीं महिला एवं बाल विकास विभाग
* वित्त विभाग ने किया मना
Bhopal News:- कुछ दिनों पहले महिला एवं बाल विकास विभाग ने वित्त विभाग को एक प्रस्ताव भेजा था|महिला एवं बाल विकास विभाग विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को एवं गर्भवती महिलाओं को अंडा खिलाना चाहती थीं| ताकि कुपोषण से लड़ा जा सके| विभाग का अंदेशा था कि इसमें करीब 113 करोड़ का सलाना खर्चा आएगा|परन्तु वित्त विभाग के अनुसार यह खर्चा 135 करोड़ तक पहुंचने का अंदेशा है| अगर वित्त विभाग की माने तो लगभग 17 से 18 लाख बच्चों-महिलाओं को सप्ताह में तीन दिन अंडा दिया जाना है। इस पर सालाना करीब 135 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। पूर्व में अनुमान था कि 113 करोड़ रुपए खर्च होंगे, लेकिन 10 लाख बच्चों को मिलाकर यह संख्या 18 लाख तक पहुंच सकती है। इसलिए बजट बढ़ जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने कहा है कि विभाग के लिए मंजूर मौजूदा बजट से ही यदि अंडा खिलाया जा सकता है तो इस पर ध्यान दें।अतिरिक्त बजट नहीं दिया जा सकता|इस पर महिला एवं बाल विकास का जबाब था की ऐसा संभव नहीं है की उसी बजट में अंडा भी खिला दिया जाये|