सिंधिया ने क्यों दिया CM कमलनाथ का धन्यवाद ???? कैसे रह गए मुख्यमंत्री बनते -बनते महाराज सिंधिया

सिंधिया ने क्यों दिया CM कमलनाथ का धन्यवाद ???? कैसे रह गए मुख्यमंत्री बनते -बनते महाराज सिंधिया…..

मध्यप्रदेश ग्वालियर के महाराज “ज्योतिरादित्य सिंधिया” का आज 49वां जन्मदिन हैं |
इस मौक़े औऱ नए साल के ख़ुशी पर देश -प्रदेश के कई दिग्गजो ने दी सिंधिया को बधाई |

 सिंधिया कांग्रेस के आलाकमान सोनिया और राहुल के करीबी हैं और यही वजह है कि प्रदेश की राजनीति में उनका दबदबा अलग ही बनता है

ज्योतिरादित्य सिंधिया मनमोहन सिंह के सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे हैं वहीं उनके पिता दिवंगत माधवराव सिंधिया बी गुना से कांग्रेस की विजय उम्मीदवार रहे हैं उनके पिता 9 बार सांसद रहे हैं |

जिन्होंने 1971 में पहली बार 26 साल की उम्र में गुना से चुनाव जीता था उन्होंने इतिहास में कभी चुनाव नहीं हारा उन्होंने यह चुनाव जनसंघ की टिकट पर लड़ा था आपातकाल हटने के बाद 1977 में हुए आम चुनाव में उन्हें निर्दलीय रूप में गुना से चुनाव लड़ा था|

जनता पार्टी की लहर होने के बावजूद वह दूसरी बार यहां से जीते और 1980 के चुनाव में  कांग्रेस में शामिल हो गए और तीसरी बार फिर गुना से चुनाव जीत गए थे

1984 में कांग्रेस ने अंतिम समय में उन्हें गुना की बजाय ग्वालियर से लड़ आया था यहां से उनके सामने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई मैदान में थे उन्होंने वाजपेई को भारी मतों से हराया था |

सिंधिया ने दिया CM कमलनाथ को धन्यवाद

लेकिन समर्थक़ अभी भी चाहते हैं कि वो प्रदेश के मुख्यमंत्री बने इसलिए उनके लिए प्यार साफ़तौर पर देखा जाता हैं प्रदेश के युवाओं में उनके लिए काफ़ी सम्मान हैं

लेकिन समर्थक़ अभी भी चाहते हैं कि वो प्रदेश के मुख्यमंत्री बने इसलिए उनके लिए प्यार साफ़तौर पर देखा जाता हैं प्रदेश के युवाओं में उनके लिए काफ़ी सम्मान हैं ,प्रदेश सरकार बनने के बाद ऐसा माना जाता था कि राहुल के क़रीबी औऱ कांग्रेस आलाक़मान में मजबूत पकड़ बनाने वाले सिंधिया का मुख्यमंत्री बनना  लेकिन राजनीति कभी किसी को समझ नहीं आती ???

 

 सिंधिया राजवंश के महल से जुड़ी कुछ खास बातें

जय विलास पैलेस देश के बेइंतहा खूबसूरत महिलाओं में से गिना जाता है जिसका निर्माण 18 से 74 में जीवाजी राव सिंधिया ने करवाया था बताते हैं उस समय इसकी कीमत 1 करोड़ से भी ऊपर थी वहीं इसकी कीमत को कई जानकार तत्कालीन 200 मिलियन डॉलर भी बताते हैं

यदि महल की डिजाइन की बात की जाए तो यह डिजाइन अंग्रेजों के समय लेफ्टिनेंट कर्नल सर माइकल फ्लोर्स द्वारा तैयार किया गया था यह महल अभी सिंधिया शाही परिवार के अधीन है इस महल को बनाने में ब्रिटिश भारतीय और काबली शैली का प्रयोग किया गया है या महल वाकई काफी खूबसूरत है जो अब पर्यटकों को अपनी ओर केंद्रित करता है|

 

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